छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) सरकार ने प्रदेश में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और किसानों को उनकी उपज का सही दाम दिलाने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना की शुरुआत करने जा रही है. सीएम भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) देश के पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर 21 मई के दिन वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए प्रदेश में इस योजना को लॉन्च करेंगे. सरकार की मानें तो इस योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ रूपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में ट्रांसफर की जाएगी. राजीव गांधी किसान न्याय योजना किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने की देश में एक बड़ा कदम कांग्रेस मान रही है. योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सहित कैबिनेट मंत्री, जनप्रतिनिधि और किसान वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए शामिल होंगे.
सरकार द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक योजना के जरिए किसानों को खेती किसानी के लिए प्रोत्साहित करने के लिए खरीफ 2019 से धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के जरिए फसल की मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रूपए प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि दी जाएगी. इस योजना में धान फसल के लिए 18 लाख 34 हजार 834 किसानों को प्रथम किश्त के रूप में 1500 करोड़ रूपए की राशि देने की बात सरकार कर रही है.
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गन्ना फसल के लिए पेराई वर्ष 2019-20 में सहकारी कारखाना द्वारा लिए गए गन्ना की मात्रा के आधार पर एफआरपी राशि 261 रूपए प्रति क्विंटल और प्रोत्साहन और सहायता राशि 93.75 रूपए प्रति क्विंंटल यानी अधिकतम 355 रूपए प्रति क्विंटल की दर से दिया जाएगा. इसके तहत प्रदेश के 34 हजार 637 किसानों को 73 करोड़ 55 लाख रूपए चार किश्तों में मिलेगा. मालूम हो कि राज्य सरकार ने इसके पहले करीब 18 लाख किसानों का 8800 करोड़ रूपए का कर्ज माफ किया गया है. साथ ही कृषि भूमि अर्जन पर चार गुना मुआवजा, सिंचाई कर माफी जैसे कदम उठाकर किसानों को राहत पहुंचाई थी.
इस योजना में राज्य सरकार ने खरीफ 2020 से इसमें धान, मक्का, सोयाबीन, मूंगफली, तिल, अरहर, मूंग, उड़द, कुल्थी, रामतिल, कोदो, कोटकी तथा रबी में गन्ना फसल को शामिल किया है. सरकार ने यह भी कहा है कि अनुदान लेने वाला किसान अगर इस साल धान की फसल लेता है और इस साल धान के स्थान पर योजना में शामिल अन्य फसल लेता हैं तो ऐसी स्थिति में उन्हें प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता दी जाएगी.