छत्तीसगढ़ सरकार ने 'राजीव गांधी किसान न्याय योजना' लॉन्च की है. ये योजना इसलिए शुरू की जा रही है जिससे किसानों को मदद और उनकी उपज की सही कीमत मिल सके. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ये योजना को देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर लॉन्च की. दिल्ली से कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जुड़े.इस योजना के तहत प्रदेश के 19 लाख किसानों को 5700 करोड़ रुपए की राशि चार किश्तों में सीधे उनके खातों में अंतरित की जाएगी। देश में अपनी तरह की पहली योजना राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत धान, मक्का और गन्ना (रबी) उत्पादक किसानों के खाते में लगभग 5700 करोड़ रुपए की राशि किसानों को खेती-किसानी के लिए प्रोत्साहित करने, उन्हें उपज का सही दाम दिलाने के उद्देश्य से आदान सहायता के रूप में दी जा रही है. यह राशि चार किस्तों में किसानों को दी जाएगी. गुरुवार को इसकी पहली किस्त के रूप में 1500 करोड़ रुपए की राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के खाते में ऑनलाइन ट्रांसफर की गई.
सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि आज राजीव जी की पुण्यतिथि पर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ सरकार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके सभी साथियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि किसान और खेती भारत की असली पूंजी। यह काम राजीव जी की भावना के अनुरूप हुआ है। राजीव गांधी के दिल में किसान बसते थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस योजना से न केवल प्रदेश में फसल उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि किसानों को उनकी उपज का सही दाम भी मिलेगा।
सांसद राहुल गांधी ने कहा कि बहुत सारे लोगों को दर्द हो रहा है। सर्वाधिक दर्द गरीब लोगों को हो रहा है। योजना से किसानों को फायदा होगा। न्याय योजना की सोच सही थी। आज लोगों को पैसा देना चाहिए। न्याय योजना में मजदूर भी होंगे शामिल। आज गरीबों के साथ खड़े होना पड़ेगा। यह काम सिर्फ कांग्रेस पार्टी की सरकार ही कर सकती है। हमें गरीबों की मदद करना है। छत्तीसगढ़ देश को रास्ता दिखा रहा है। छत्तीसगढ़ की जनता को बधाई।
योजना के शुभारंभ के अवसर पर विस अध्यक्ष डॉ चरणदास महंत, कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव, ताम्रध्वज साहू, रविन्द्र चौबे, जयसिंह अग्रवाल, मोहम्मद अकबर सहित अन्य मंत्री शामिल हुए।
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किसानों को होगा ये फायदा
* योजना के तहत किसानों को कई तरह से राहत देने की कोशिश की जाएगी.
* लॉकडाउन जैसे संकट के समय में किसानों को फसल बीमा और प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के तहत 900 करोड़ की राशि उनके खातों में भेजी गई है.
* खरीफ 2019 में पंजीकृत एवं उपार्जित रकबे के आधार पर धान, मक्का और गन्ना (रबी) फसल के लिए 10 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से डीबीटी के माध्यम से किसानों को आदान सहायता अनुदान की राशि उनके खातों में भेजी जाएगी.
* खरीफ 2020 से आने वाले साल के लिए धान, मक्का, गन्ना, दलहन-तिलहन फसल के पंजीकृत या अधिसूचित रकबे के आधार पर निर्धारित राशि प्रति एकड़ की दर से किसानों को कृषि आदान सहायता अनुदान दिया जाएगा.
* अनुदान लेने वाला किसान ने अगर पिछले साल धान की फसल लगाई थी और इस साल धान के स्थान पर योजना के तहत शामिल अन्य फसल लगाते हैं, तो उस स्थिति में किसानों को प्रति एकड़ अतिरिक्त सहायता अनुदान देने का निर्णय लिया गया है.
इतनी मिलेगी राशि
* 2019 से धान तथा मक्का लगाने वाले किसानों को सहकारी समिति के माध्यम से उपार्जित मात्रा के आधार पर अधिकतम 10 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से अनुपातिक रूप से आदान सहायता राशि दी जाएगी. इस योजना में धान फसल के लिए 18 लाख 34 हजार 834 किसानों को प्रथम किस्त में 1500 करोड़ रुपए की राशि दी जाएगी.
* गन्ना फसल के लिए पेराई साल 2019-20 में सहकारी कारखाना द्वारा क्रय किए गए गन्ना की मात्रा के आधार पर एफआरपी राशि 261 रुपए प्रति क्विंटल दी जाएगी. प्रोत्साहन एवं आदान सहायता राशि 93.75 रुपए प्रति क्विंटल दी जाएगी. अधिकतम 355 रुपए प्रति क्विंटल की दर से भुगतान किया जाएगा.
* प्रदेश के 34 हजार 637 किसानों को 73 करोड़ 55 लाख रुपए चार किश्तों में दिया जाएगा. जिसमें से प्रथम किश्त 18 करोड़ 43 लाख रुपए 21 मई को ट्रांसफर की जाएगी.
* 2018-19 में सहकारी शक्कर कारखानों के माध्यम से खरीदे गए गन्ना की मात्रा के आधार पर 50 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बकाया बोनस भी प्रदान करने जा रही है. इसके तहत प्रदेश के 24 हजार 414 किसानों को 10 करोड़ 27 लाख रुपए दिया जाएगा.
* कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया कि 'राज्य में फसल उत्पादन को प्रोत्साहित करने और कृषि आदान सहायता के लिए ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना‘ शुरू की जा रही है.
इस योजना के तहत किसानों को धान के समर्थन मूल्य 25 सौ रुपए प्रति क्विंटल की बची हुई राशि दी जाएगी, जो कि 6 सौ 85 रुपए प्रति क्विंटल है.