वैध निर्माण पर अमेरिका की कंपनी टीपीजी और रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल पर निगम प्रशासन का शिकंजा कसा है। हॉस्पिटल प्रबंधन ने सफाई दी कि कोरोना के इलाज के लिए राष्ट्रहित में अतिरिक्त निर्माण किया गया है। प्रबंधन ने कोरोना संकट खत्म होते राजीनामा की पेशकश की है। इससे परे स्वास्थ्य विभाग ने भी मरीजों से बेजा वसूली और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना का लाभ नहीं देने के प्रकरण की पड़ताल कर रहा है।और स्वास्थ्य विभाग से उक्त कोरोना मरीजो के लिये किये जा रहे निर्माण की भी आधिकारिक रूप से अनुमति नही ली गयी है।कोरोना वायरस का ईलाज राज्य में एम्स अस्पताल और रायपुर स्थित माना के सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है और किसी भी निजी अस्पताल को कोरोना बीमारी के ईलाज हेतु अभी स्वास्थ विभाग ने अनुमति प्रदान नही की है।बावजूद अमेरिका की कंपनी टीपीजी और रामकृष्ण केयर अस्पताल द्वारा अवैध निर्माण कार्य करवाया जा रहा था।
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ज्ञात हो कि अमेरिका की कंपनी टीपीजी और डॉ संदीप दवे द्वारा संचालित रामकृष्ण केयर अस्पताल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा धोषित डॉ खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना को अपने अस्पताल में लागू करने से इनकार किया है इस पर स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. श्रीकांत राजिमवाले ने कहा कि रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल प्रबंधन का अब तक जवाब नहीं आया है। नोटिस का जवाब मिलते ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। विभाग सरगुजा और अन्य जगहों के बीपीएल मरीजों से उपचार के लिए पैसा जमा कराने और खूबचंद बघेल योजना का लाभ देने से इंकार करने के मामले की पड़ताल कर रहा है। एक दो प्रकरणों में बिल का भुगतान नहीं करने पर मरीज को डिस्चार्ज नहीं करने की शिकायत भी हुई है।रामकृष्ण केयर हॉस्पिटल का प्रबंधन अमरीकी कंपनी टीपीजी और डॉ. संदीप दवे के हाथों में हैं। मरीजों से बेजा वसूली के साथ-साथ कोरोना बीमारी के नाम पर अवैध निर्माण की एक और शिकायत की नगर निगम जांच कर रहा है। बिना अनुमति के हॉस्पिटल के पांचवें माले के निर्माण पर निगम प्रशासन ने नोटिस जारी किया था। इस पर हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. संदीप दवे ने अपना पक्ष रखा है।