राज्य में सुराजी गांव योजना के तहत सभी गौठानों में शौचालय बनाए जाएंगे। मुख्य सचिव ने आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की शीर्ष समिति की बैठक में अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए। बैठक में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन ओ.डी.एफ. स्थायित्व के तहत शौचालयों का निर्माण, माननीय राष्ट्रीय हरित अधिकरण के अंतर्गत लिए गए लक्ष्यों की अधतन प्रगति, गोबरधन और मासिकधर्म स्वच्छता प्रबंधन सहित अन्य योजनाओं की विस्तृत समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के संचालक को निर्देश दिए कि मासिकधर्म स्वच्छता प्रबंधन कार्यक्रम के तहत विशेष कार्ययोजना बनाकर एक-एक गांव को इकाई बनाकर ग्रामीण क्षेत्रों में स्व सहायता समूहों के माध्यम से महिलाओं एवं किशोरियों और बालिका छात्रावासों में बायोडिग्रेविल सेनेटरी नेपकिन का अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराएं।

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बैठक में राज्य स्वच्छता मिशन (ग्रामीण) के संचालक श्री धर्मेश साहू ने बताया कि राज्य में स्वच्छता मिशन के तहत लक्षित शौचालयों के निर्माण में राज्य में एल.ओ.बी. के तहत एक लाख 17 हजार 659 शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इसी तरह से ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्यक्रम के तहत दो हजार 686 स्वीकृत किये गए हैं। इनमें से दो हजार 200 कार्य प्रारंभ किए जा चुके हैं। गोबरधन योजना के अंतर्गत 336 कार्य स्वीकृत कार्यो में 173 कार्य प्रारंभ किए गए हैं। दिव्यांग सुलभ शौचालयों हेतु चल रहे पायलेट प्रोजेक्ट के अनुसार एसईसीएल बिलासपुर तथा राज्य स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा राज्य के दस जिलों में दिव्यांगजनों और तृतीय लिंग व्यक्तियों के लिए एक सौ ग्राम पंचायतों में कुल एक हजार 301 व्यक्तिगत तथा सौ दिव्यांग सुलभ सामुदायिक शौचालय बनाए जाएंगे। इसी प्रकार वामपंथी हिंसा प्रभावित (एल.ई.डब्ल्यू) जिलों में 52 हजार 257 शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रमुख सचिव श्री गौरव द्विवेदी, कृषि विभाग की प्रमुख सचिव डॉ. मनिन्दर कौर द्विवेदी सहित लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, महिला बाल विकास, स्वास्थ्य, ग्रामीण यांत्रिकी विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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