मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिड्डी (Locust) दल के संभावित प्रकोप से फसलों के बचाव के लिए समय से पहले कुछ आवश्यक तैयारी करने के निर्देश कृषि, उद्यानिकी, वन विभाग सहित राज्य के जिला कलेक्टरों को दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि टिड्डी दल के छत्तीसगढ़ के जिलों में पहुंचने के पहले ही उसे भगाने के लिए सभी आवश्यक उपाय सुनिश्चित किए जाने चाहिए. मुख्यमंत्री ने सीमावर्ती जिलों में टिड्डी दल के आने और उनके उड़ान भरने की दिशा पर लगातार माॅनिटरिंग के भी निर्देश दिए हैं. सीएम बघेल ने टिड्डी दल से बचाव के लिए कंट्रोल रूम स्थापित करने और पर्याप्त मात्रा में कीटनाशक दवाईयों की व्यवस्था करने को कहा है.
सीएम बघेल कहा कि टिड्डी दल अगर खेत के आसपास उड़ते दिखाई दे तो तुरंत खेत के आसपास मौजूद घास-फूस को जलाकर धुंआ करना या शोरगुल करें इससे टिड्डी दल खेत में न बैठकर आगे निकल जाता है. केन्द्रीय एकीकृत नाशी जीव प्रबंधन केन्द्र रायपुर से प्राप्त जानकारी के मुताबिक टिड्डी दल हवा की बहाव की दिशा में आगे बढ़ता है. रायसेन से खण्डवा होते हुए मोरसी अमरावती महाराष्ट्र से 27 मई को टेंमनी गांव आसपास पहुंच चुका है. 28 मई को टिड्डी दल महाराष्ट्र के तुमसर से बालाघाट की ओर बढ़ रहा है. इस टिड्डी दल का छत्तीसगढ़ की सीमावर्ती जिले राजनांदगांव, कबीरधाम की ओर बढ़ने की संभावना है. इसके अलावा टिड्डी का दूसरा दल सिंगरौली की ओर बढ़ गया है.
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विभाग के मुताबिक दोनों टिड्डी दलों का छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती जिलों में आने की आशंका है. छत्तीसगढ़ राज्य के मुंगेली, बिलासपुर, गौरेला पेड्रा मरवाही, कोरिया, सूरजपुर एवं बलरामपुर जिले की सीमाएं मध्य प्रदेश से लगी होने के कारण संवेदनशील है. मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रधान मुख्य वन रक्षक ने छत्तीसगढ़ के वनमण्ड अधिकारियों और मुख्य वन संरक्षकों को टिड्डी दल की मॉनिटरिंग करने और आक्रमण होने पर तुरंत सूचना देने के साथ ही नियंत्रण की पूरी व्यवस्था तत्काल करने को कहा है.