आखिर क्या होता है रेयर ऑफ द रेयरेस्ट बॉम्बे ब्लड ग्रुप ,छत्तीसगढ़ में गिनती के है इस ग्रुप के डोनर ,कोरोना के इस समय रेयर बॉम्बे ब्लड ग्रुप का जगदलपुर में डोनेशन



लाखो लोगों में से किसी एक में पाया जाता है और उसका नाम बॉम्बे ब्लड ग्रुप है. इस रक्त समूह को रेयर ऑफ द रेयरेस्ट रक्त समूह भी कहते है.

बस्तर संभाग के एक मात्र रेयर बॉम्बे ब्लड ग्रुप के रक्तदाता श्री रमेश सेठिया जी कोरोना काल में अपना रक्त दान करके मानवता का परिचय दिया है रमेश सेठिया का रक्तदान रायगड़ा ओडिशा के कैंसर मरीज को दिया गया। इस रक्तदान के लिये एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक ह्यूमन राइट्स, जगदलपुर के हैप्पी फ्रेंड्स क्लब, छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशन एवं ब्लड रायगढ़ फेसबुक टीम के सदस्य आगे आये ,जो इस केस में लगे रहे रक्तदान करा कर मरीज को नई जीवन देने में मदद किये।

इस केस की जानकारी सबसे पहले रायगढ़ के सतीश सिंह ठाकुर एवं अमितेश गर्ग को हुई । सतीश खुद भी बॉम्बे ब्लड ग्रुप के डोनर है जो इस केस में रक्तदान के लिये तैयार थे परंतु लॉक-डाउन के करण वो उड़ीसा नही जा पा रहे थे फिर उन्होंने छत्तीसगढ़ ब्लड डोनर फाउंडेशन के टीम से सपर्क किया । उसके बाद जगदलपुर निवासी एक मात्र बॉम्बे ब्लड ग्रुप रक्तदाता श्री रमेश सेठिया जी को रक्तदान के लिये कहाँ गया वो तैयार हो गए और आज जगदलपुर ब्लड बैंक जा कर रक्तदान किया। यह ब्लड आज रायगड़ा ओडिसा ले जायेंया जाएगा। इस रक्तदान में विशेष सहयोग सतीश सिंह ठाकुर, अमितेश गर्ग, विवेक साहू, दीपक , नवीन जी का रहा।

छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड🏢🏬🏣(खरीदी -बिक्री /किराया/लीज )आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर


लाखो लोगों में से किसी एक में पाया जाता है और उसका नाम बॉम्बे ब्लड ग्रुप है
यह रेयरेस्ट ऑफ रेयर ब्लड टाइप विश्व में सिर्फ 0.0004 फीसदी लोगों में ही पाया जाता है. भारत में 10,000 लोगों में केवल एक व्यक्ति का ब्लड बॉम्बे ब्लड टाइप होगा. इसे Hh ब्लड टाइप भी कहते है या फिर रेयर ABO ग्रुप ब्लड. डॉक्टर वाई एम भेंडे ने 1952 में इसकी सबसे पहले खोज की थी. इसको बॉम्बे ब्लड इसलिए कहा जाता है क्योंकि सबसे पहले यह बॉम्बे के कुछ लोगों में पाया गया था. इस ब्लड टाइप के भीतर पाई जाने वाली फेनोटाइप रिएक्शन के बाद यह पता चला की इसमें एक H एंटीजेन होता है. इससे पहले इसे कभी नहीं देखा गया था. अधिक समझने के लिए इनकी लाल कोशिकाओं (RBC) में एबीएच एंटीजन होते हैं और उनकी सीरा में एंटी-ए, एंटी-बी और एंटी-एच होते है. एंटी-एच को ABO समूह में नहीं खोजा गया है, लेकिन प्रीट्रांसफ्यूज़न टेस्ट में इसके बारे में पता चला है. यही H एंटीजन ABO ब्लड समूह में बिल्डिंग ब्लॉक का काम करते है. एच एंटीजन की कमी "बॉम्बे फेनोटाइप" के रूप में जानी जाती है.

********Advertisement********