कोरोना संक्रमण काल में रायपुर जिले के निजी स्कूल संचालक पालकों की जेब ना काट सकें, इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी है।

कोरोना संक्रमण काल में जिले के निजी स्कूल संचालक पालकों की जेब ना काट सकें, इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। इसके तहत जिलेभर के निजी स्कूल संचालकों से से स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने शिक्षा सत्र 2019-20 की फीस की जानकारी मांगी है। अब निजी स्कूलों की ट्यूशन और अन्य फीस का रेकार्ड विभागीय अधिकारी रखेंगे। कार्रवाई के दौरान साक्ष्य एकत्र करने में आसानी होगी।स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि स्कूल प्रबंधन को पालकों को फीस की जानकारी विस्तारपूर्वक देनी होगी। पालकों से शुल्क लेने के बाद उन्हें रसीद भी देनी होगी। कोरोना संक्रमण काल के मद्देनजर निजी स्कूल प्रबंधन मार्च से फीस नहीं ले पा रहा है। हाईकोर्ट ने मार्च से शिक्षा सत्र 2019-20 के शेष महीनों का ट्यूशन फीस लेने का निर्देश दिया है।
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शिक्षा सत्र 2020-21 में पूर्व शिक्षा सत्र का शुल्क ही स्कूल प्रबंधन को पढ़ाने के एवज में लेना होगा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में 1 हजार 253 निजी स्कूल हैं। इन स्कूलों के प्रबंधन को स्पष्ट रूप से स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने हाईकोर्ट के निर्देशानुसार पालकों से फीस मांगने का निर्देश दिया है।अधीनस्थ अधिकारियों को निजी स्कूलों के पूर्व सत्र की फीस स्कूल मंगाने का निर्देश दिया है। शिक्षा सत्र 2020-21 के लिए दाखिला कल शुक्रवार से राजधानी रायपुर में शुरू होगा। स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। जिला शिक्षा अधिकारी जीआर चंद्राकर ने बताया कि दाखिले की प्रक्रिया के साथ छात्रों को गणवेश, पुस्तक और मिड डे मील का राशन भी वितरित किया जाएगा। जिन स्कूलों में किताब, गणवेश और राशन पहुंच चुका है। वहां वितरण शुक्रवार से शुरू कर दिया जाएगा। शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत जिन बच्चों का लॉटरी में नाम आया है, उनके दाखिले की प्रक्रिया भी शुरू कर दी जाएगी। 15 अगस्त तक जिले में प्रवेश प्रक्रिया चलेगी।