मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर पर दुष्कर्म के आरोप, पीड़िता ने पुलिस में दर्ज करायी शिकायत, सरकार ने पद से हटाया,डीएमई के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप के अलावा दवा खरीदी में गड़बड़ी का भी आरोप था
मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर डॉ एसएल आदिले के खिलाफ एक अनुसूचित जाति वर्ग की महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया है। यह महिला डीकेएस हॉस्पिटल में काउंसलर के रूप में कार्यरत है। रायपुर पुलिस को सौंपी अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि नौकरी दिलाने का झांसा देकर डॉ आदिले ने 2018 में उसे अशोका रतन स्थित अपने साथ घर ले गए और उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। मामले की जानकारी मिलने के बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए डीएमई पर से डॉ आदिले को हटा दिया है।
जानकारी के अनुसार पीड़ित कांकेर जिले की रहने वाली है और दिसंबर साल 2017 में परीक्षा देने रायगढ़ मेडिकल कॉलेज गई थी, जहां तत्कालीन डीन डॉ आदिले से उसका परिचय हुआ। युवती ने डॉ आदिले से नौकरी के लिए मदद मांगी थी, तो आदिले ने उसे अपना विजिटिंग कार्ड दिया था। जिसके बाद उसकी डॉ आदिले से बातचीत होते रहती थी।युवती ने शिकायत में कहा है कि वह 6 जनवरी 2018 को किसी काम से रायपुर आई थी। रायपुर आऩे के बाद उसने डॉ आदिले को कॉल कर अपने रिजल्ट के बारे में पूछा कि कब तक आएगा। वह कहां है पूछने के बाद आदिले वहां पहुंचा और नौकरी के संबंध में बातचीत करना है कहकर अपनी स्कूटी में बैठाकर घर ले गया। युवती के मुताबिक आदिले ने कहा था कि घर में उसकी बेटी सहित सभी मौजूद हैं बताया था लेकिन घर पहुंचने के बाद कोई नजर नहीं आया और डॉ आदिले ने अपनी ऊंची पहुंच का धौंस दिखाते हुए उसे बर्बाद करने की धमकी देते हुए उसके साथ दुष्कर्म किया।
मामले में एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल ने कहा कि डॉ एसएल आदिले के खिलाफ शिकायत आयी है। शिकायत को महिला थाने परीक्षण के लिए भेजा गया है। परीक्षण के बाद वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
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मेडिकल एजुकेशन के डायरेक्टर डॉ एसएल आदिले को उनके पद से हटा दिया गया है। डॉ आदिले के खिलाफ यह कार्रवाई उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाए जाने के बाद की गई है। डीएमई के खिलाफ दुष्कर्म के आरोप के अलावा दवा खरीदी में गड़बड़ी का भी आरोप था। मामले को स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने गंभीरता से लेते हुए डॉ आदिले को तुरंत हटाने का आदेश दिया था। जिसके बाद डॉ आदिले के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें डीएमई के पद से हटा दिया है।आदिले के खिलाफ दवाई खरीदी के मामले में 95 लाख रुपये की गड़बड़ी का भी आरोप था। मामले में विधि विभाग ने आदिले के खिलाफ अभियोजन चलाने की अनुमति मांगी थी।
इस पूरे मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का बयान सामने आया है। सिंहदेव ने कहा कि आदिले को प्रभार से अलग कर चार्ज दूसरे को देने को कहा था, क्योंकि उनके खिलाफ कई शिकायतें सामने आई है। जिसमें अभियोजन के लिए विधि विभाग से पत्र आया था, उसमें अनुमति दे दी गई है। उनके खिलाफ खरीदी बिक्री में 95 लाख को गडबड़ी जांच में सामने आई है, उसके बाद आज एक और मामला आ गया है, इस तरह शिकायत आने के कारण उन्हें मुक्त करने को कहा था।