मानसून विधानसभा सत्र दूसरा दिन:विपक्ष के आरोपों पर बोले सीएम भूपेश, कोरोना पर व्यापक चर्चा की जगह क्वारंटाइन सेंटर में ही सिमट गए विपक्ष के नेता और भी झलकियां नोक-झोंक




कोरोना पर व्यापक चर्चा की जगह क्वारंटाइन सेंटर में ही सिमट गए विपक्ष के नेता
छत्तीसगढ़ विधानसभा में चल कार्यवाही में आज सीएम भूपेश बघेल ने विपक्ष के आरोपों को जवाब दिया। कोरोना संक्रमण को लेकर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ राज्यों में सिर्फ सिंप्टोमेटिक यानि लक्षण वाले मरीजों की जांच की जा रही है लेकिन हमारे यहां एसिंप्टोमेटिक मरीज की भी जांच की जा रही है ताकि किसी को भी वेंटिलेटर आईसीयू की आवश्यकता के पहले ही ठीक किया जा सके।वहीं सीएम ने कहा कि हमेशा परंपरा रही कि कैबिनेट मीटिंग के बाद दो मंत्री बयान देते हैं। लेकिन अपने विभागों के बारे में बोलने के लिए सभी मंत्री स्वतंत्र हैं। कोरोना स्थगन चर्चा पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे लगा कि विपक्ष कोरोना पर व्यापक चर्चा करेंगे लेकिन विपक्ष के नेता क्वारंटाइन सेंटर में ही सिमट कर रह गए।

कोरोना संक्रमण पर धर्मजीत सिंह ने कहा- सीएम-स्वास्थ्य मंत्री के साथ बैठकर चाय पीने से निकलेगा हल, सीएम ने कहा- चाय भी पीते हैं, खाना भी खाते हैं
धर्मजीत सिंह ने कहा कि तीन महीने से अचानक स्वास्थ्य मंत्री की पूछपरख खत्म हो गई है. कैबिनेट की बैठक की जानकारी स्वास्थ्य मंत्री को नहीं होती. अचानक सरकार की ओर से केवल दो मंत्री जवाब देंगे का फरमान आता है. स्वास्थ्य मंत्री की सिर्फ आलोचना होगी. कोरोना के मसले पर बोलने का अधिकार नहीं है. इस गंभीर संकट में आप दोनों के साथ में बयान नहीं आए. दोनों का ट्वीट अलग-अलग आता है. ट्वीट से दोनों के बीच की दूरियां साफ नजर आती हैं. मुख्यमन्त्री के स्वास्थ्य मंत्री एक साथ बैठें कोरोना का रेट घट जाएगा. उन्होंने कहा कि कलेक्टर से बोलकर क्वारेंटाइन सेंटर की हालत सुधरवाइए. केस बढ़ेंगे.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर स्पष्ट किया कि विभाग के बारे में कोई भी मंत्री बोल सकता है, रोक नहीं है. केवल कैबिनेट के बारे में दो मंत्री बोलेंगे. वहीं चाय पीने की बात पर सीएम ने कहा कि हम चाय भी पीते हैं, खाना भी खाते हैं. धर्मजीत सिंह ने कहा कि कोरोना में कोई मंत्री नहीं गया. प्रभारी मंत्रियों से कहिए कि दौरे करें, कलेक्टर से जाकर बैठक करें. हम आपको जागृत करेंगे. स्थिति बहुत विस्फोटक हो रही है. हम आपके मुहिम में तन, मन, धन से सहयोग करेंगे.

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वरिष्ठों को किया किनारे, जूनियर अफसरों को मनपसंद पद देने पर सदन में तल्खी
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रश्नकाल के दौरान लोक निर्माण विभाग में कनिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी देने और वरिष्ठ अधिकारियों को दरकिनार करने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि 3 अगस्त 2020 की स्थिति में विभाग में कार्यपालन अभियंता व उच्च पद पर वरिष्ठता सूची के अनुसार वरिष्ठ अधिकारी के स्थान पर कनिष्ठ अधिकारियों को पदस्थ किया गया था। इसका कारण बताया जाए। उन्होंने वरिष्ठ अधिकारी के कनिष्ठ अधिकारियों को प्रभार देने के कारण कम महत्वपूर्ण पदों पर काम करने का मुद्दा भी उठाया।लोक निर्मांण विभाग के मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि किसी को दरकिनार करना या किसी को जिम्मेदारी देना ऐसा नहीं किया जाता। जहां जिसकी जो जरूरत होती है उससे वहां काम लिया जाता है। वरिष्ठता क्रम बदलता गया। पहले जो वरिष्ठता क्रम था, उसके अनुसार जिम्मेदारी दी जा रही थी। इसके बाद कई परिवर्तन हुए उसके मुताबिक अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई। कुछ मामलों में जांच भी चल रही है। अलग- अलग अधिकारियों को उनकी वरीयता क्रम के मुताबिक अलग- अलग जिम्मेदारी दी गई है।

संसदीय सचिव के मसले पर बोले बृजमोहन अग्रवाल ,मुख्यमंत्री ने दिया जवाब
भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि संसदीय सचिवों के बारे में सदन को जानकारी दी ही नहीं गई है। संसदीय सचिव बनाए गए हैं तो वह संसदीय प्रक्रियाओं में मंत्रियों की मदद करने के लिए बनाए गए हैं। इसके संबंध में सदन को जानकारी दी जानी चाहिए कि उनका क्या काम होगा? कौन-कौन से अधिकार उन्हें दिए जाएंगे? सदन में यह जानकारी मुख्यमंत्री को देनी चाहिए।

संसदीय सचिवों को लेकर चल रही बहस के बीच मुख्यमंत्री ने जवाब देते हुए कहा- क्या सदन में संसदीय सचिवों के परिचय कराने की परंपरा रही है? अगर यह परंपरा थी तो आपने संसदीय सचिवों का परिचय अपने कार्यकाल में क्यों नहीं कराया? अगर आप परंपरा बनाना चाहते हैं तो हमें परिचय कराने में कोई समस्या नहीं है। भाजपा शासनकाल में हाईकोर्ट के फैसले से सदन को क्यों अवगत नहीं कराया गया?

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