कैरियर काउंसिंलिंग और डिजिटल साक्षरता पर विशेष साप्ताहिक कक्षाएं प्रारंभ ’मेमोरी पावर’ पर विशेष कार्यक्रम का प्रसारण 4 जुलाई को
स्कूल शिक्षा विभाग के राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) द्वारा कैरियर काउंसिंलिंग और डिजिटल साक्षरता जैसे विषयों की विस्तृत श्रृंखला पर विशेष साप्ताहिक कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है। इसके तहत 4 जुलाई को दोपहर एक बजे ’मेमोरी पावर’ पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इसका प्रसारण यूट्यूब चैनल पीटीडी छत्तीसगढ़ (PTD Chhattisgarh) पर किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा पढ़ई तुंहर दुआर के माध्यम से ऑनलाइन कक्षा का आयोजन किया जा रहा है। अब तक कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिए विभिन्न विषयों पर सीजी स्कूल डॉट इन (cgschool.in) पर वर्चुअल ब्राडकास्टिंग के माध्यम से 240 से अधिक कक्षाएं आयोजित की गई हैं। इसमें राज्य के लगभग एक लाख 30 हजार छात्र शामिल हो चुके हैं। सभी रिकार्डिंग राज्य के पोर्टल सीजी स्कूल डॉट इन (cgschool.in) और यूट्यूब चैनल पीटीडी छत्तीसगढ़ (PTD Chhattisgarh) पर भी उपलब्ध कराया गया है। सभी छात्र इस पोर्टल पर पंजीकृत होकर ई-सामग्री का लाभ उठा सकते हैं।
कैरियर काउंसिंलिंग और डिजिटल साक्षरता जैसे विषयों की श्रृंखला का कार्यक्रम पिछले दो शनिवार से आयोजित किये जा रहे है। इसमें छात्रों ने बढ़-चढ़ कर रूचि दिखाई। उन्हें पढ़ाई और जीवन से संबंधित विषय-वस्तुओं को कल्पना शक्ति पर आधारित कुछ बेहतरीन तकनीक सीखने का मौका मिला है। अब तक 3 हजार से अधिक छात्र वर्चुअल कक्षा में हिस्सा ले चुके हैं। खास बात यह है कि इसमें किसी भी कक्षा के छात्रों और शिक्षकों द्वारा भाग लिया जा सकता है।
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स्कूल शिक्षा विभाग के सलाहकार श्री सत्यराज अय्यर ने बताया कि आजकल, हमारे फोन और टीवी दिन-प्रतिदिन स्मार्ट हो रहे हैं, लेकिन हमारी स्मरण शक्ति दिन-प्रतिदिन कमजोर होती जा रही है। हम में से काफी लोग ऐसे हैं जिनको अपने परिवार वालों के फोन नंबर बताने के लिए अपना मोबाईल खोजना पड़ता है, वर्चुअल असिस्टेंट के सहारे से हम रिमाइंडर सेट कर रहे हैं कि हमें कब सब्जी भाजी खरीदना और कब पानी पीना है। स्मार्ट होना अच्छी बात है, परंतु अपनी आदतों को बिगाड़ना, अपने जीवन को पूरी तरह किसी उपकरण के भरोसे गतिमान रखने का यह प्रयास, ठीक नहीं है। ऐसा करके हम अपनी नैसर्गिक क्षमता को खोते जा रहे हैं।
एक तरफ डिजिटल टेक्नोलॉजी हमारे जीवन को आसान बना रही है और दूसरी तरफ इसने हमें डिजिटल गुलाम भी बना दिया है। दिलचस्प बात यह है कि हमारा दिमाग शरीर के वजन का 3 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व और शरीर की 20 प्रतिशत ऊर्जा का उपयोग करता है। कितने लोग अपने अविश्वसनीय दिमाग की शक्ति के बारे में जानते हैं ? मस्तिष्क की शक्ति से बेहतर से कोई तकनीक नहीं है। इस कार्यक्रम के माध्यम से हम कल्पना शक्ति और रचनात्मक सोच पर आधारित अपनी मस्तिष्क की शक्ति का अधिकतम उपयोग करने के लिए छात्रों और व्यस्कों के बीच अधिक जागरूकता लाने की कोशिश कर रहे है। गौरतलब है कि प्रशिक्षक द्वारा ऑनलाइन कक्षा के दौरान इच्छुक छात्रों को एक लाईव प्रदर्शन भी दिया जाएगा।