लॉक डाउन सस्पेंस: कोरोना संक्रमण की स्थिति के अनुसार निषेधाज्ञा लगाने के लिए कलेक्टर अधिकृत,कलेक्टर स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार केवल शहरी क्षेत्रों में निषेधाज्ञा लागू करेंगे,ग्रामीण क्षेत्र मुक्त रहेंगे
सुबह से प्रदेश भर में इस बात के चर्चा गरम रही की पुरे प्रदेश में लॉक डाउन लगने वाला है .इसको ले कर तरह तरह के कयास लगाये जा रहे थे की ९ दिन का लॉक डाउन होगा या १५ दिन का होगा या आज रात से ही होगा .मुख्य्म्नात्री द्वारा ली गयी बैठक से स्थिति अब साफ़ हो गई है.
प्रदेश में अब लॉक डाउन एक साथ नहीं होगा सबंधित जिले के कलेक्टर इस बात कर निर्णय लेंगे की लॉक डाउन कैसा और किन परिश्थियों में लगाया जाएगा .कलेक्टरों को इस बात का अधिकार दिया गया है कि वे जिले में कोरोना की स्थिति को देखते हुए फैसला लेंगे। शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में मंत्रियों के साथ बैठक हुई, जिसमें इस बात का निर्णय लिया गया है कि 21 जुलाई के बाद प्रदेश में लॉकडाउन लगाया जायेगा। हालांकि इसकी अवधि अभी तय नहीं हुई है। जिलों की स्थिति के आधार कलेक्टर निर्णय लेंगे कि लॉकडाउन कितने दिनों का होगा, हालांकि ये लॉकडाउन 7 दिन से कम का नहीं होगा।
इस बात के कयास लगाये जा रहे है की गो धन न्याय योजना के बाद २१ जुलाई से लगभग सभी नगरीय क्षेत्रो में लॉक डाउन लगाया जा सकता है हालांकि पूरे प्रदेश में लॉकडाउन को लेकर सरकार का कोई इरादा नहीं है, लेकिन जिस तरह से अधिकांश जिले इसकी चपेट में है लगता नहीं कि लॉकडाउन से किसी भी जिले को रियायत मिलेगी। धमतरी, सुकमा जैसे इक्का-दुक्का जिलों को जरूर इससे राहत मिल सकती है।
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कलेक्टर ७२ घंटे पहले सूचना देंगे
प्रदेश में सभी जिलों में एक साथ लॉकडाउन की बाध्यता नहीं होगी। कलेक्टर अपने जिलों की स्थिति से लॉकडाउन पर निर्णय लेंगे। इस लॉक डाउन की खासियत ये होगी की ये अचानक नहीं लगाया जायेगा ,कलेक्टर लॉकडाउन के 72 घंटे पहले इस बात सूचना देंगे कि किस तारीख से जिले में लॉकडाउन लगने जा रहा है।