दुर्ग शहर के मशहूर स्टील कारोबारी ने की आत्महत्या , सुसाइड नोट में खुद को बताया जिम्मेदार, परिवार और कारोबार जगत स्तब्ध
छत्तीसगढ़ के दुर्ग में शहर के बड़े स्टील कारोबारियों में शामिल आनंद राठी (38) ने आत्महत्या कर ली। उनका शव बुधवार तड़के उनके घर के ही कमरे में पंखे से फंदे में लटका मिला। पुलिस को मिले सुसाइड नोट में लिखा है, मां की बहुत याद आती है। आनंद की मां का करीब एक-डेढ़ साल पहले निधन हो गया था। कोतवाली पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।गंजपारा निवासी आनंद राठी और उनके परिवार का माहेश्वरी स्टील के नाम से बड़ा कारोबार है। उनकी गिनती प्रदेश के बड़े उद्योपतियों में होती है। उनके चाचा भी दुर्ग चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष हैं।
घटनास्थल से अंग्रेजी में लिखा एक सुसाइट नोट भी मिला है। जिसमें उसने खुदकुशी के लिए खुद को जिम्मेदार बताया है। आनंद के इस आत्मघाती कदम से पूरा राठी परिवार स्तब्ध है। राठी परिवार का गंजपारा में माहेश्वरी स्टील ट्रेडर्स के नाम से बड़ा कारोबार है। जिससे आनंद जुड़ा हुआ था। वह छत्तीसगढ़ चेम्बर ऑफ कामर्स एण्ड इंडस्ट्रीज के दुर्ग जिला इकाई अध्यक्ष व माहेश्वरी स्टील टे्रडर्स के संचालक अशोक राठी का भतीजा था। मृतक आनंद विवाहित था और उसकी दो छोटी पुत्रियां है। उसके पिता स्व. घनश्याम दास राठी ने भी सन् 1996 में ट्रेन से कटकर खुदकुशी कर ली थी। बताया गया है डेढ़ वर्ष पूर्व आनंद की मां का निधन हो गया था। जिससे वह काफी दुखी था। उसने अपने सुसाइट नोट में पत्नी व बच्चों से काफी प्रेम करने का जिक्र भी किया है।
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आनंद की खुदकुशी की खबर से दुर्ग सीएसपी विवेक शुक्ला, थाना प्रभारी सुरेश बागड़े एवं अन्य पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे थे। कोतवाली पुलिस ने मर्गकायम कर मामले को जांच पर लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक स्टील कारोबारी आनंद राठी गंजपारा स्थित माहेश्वरी स्टील ट्रेडर्स के दो मंजिला भवन के प्रथम तल में अपनी पत्नी व दो बच्चियों के साथ रहता था। बताया गया है कि मंगलवार की रात वह देर से घर वापस लौटा था। बुधवार की सुबह आनंद को उसकी पत्नी ने फांसी पर झुलते अवस्था में देखा था। उसके बाद परिजनों के मदद से उसे उपचार के लिए चंदूलाल चंद्राकर हॉस्पीटल भिलाई पहुंचाया गया। जहां चिकित्सकों ने आनंद को परीक्षण उपरांत मृत घोषित कर दिया था। आनंद के इस आत्मघाती कदम से पूरा राठी परिवार सदमें में है। बुधवार को गमगीन माहौल के बीच आनंद का शिवनाथ नदी मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार किया गया। जिसमें उनके परिवार के सदस्यों के अलावा व्यापार जगत से जुड़े लोग शामिल हुए।