छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगीका अब पिंडदान कर दिया गया. बेटे अमित जोगी ने उनकी अंतिम इच्छा पूरी की. अजीत जोगी के कब्र की मिट्टी को पेंड्रारोड पावर हाउस तिराहा के मुक्तिधाम से लेकर अमरकंटक के रामघाट, नर्मदा, अरंडी संगम, सोन नदी और अचानकमार के माटिनाला और पीढ़ा में विसर्जित किया गया. इसके साथ ही अमरकंटक में उनके पुत्र अमित जोगी द्वारा स्वर्गीय अजीत जोगी का पिण्डदान भी किया गया है. जोगी कांग्रेस के प्रवक्ता भगवानू नायक ने बताया कि छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्व.अजीत जोगी का निधन 29 मई 2020 को रायपुर के एक निजी अस्पताल में हो गया था. स्व. अजीत जोगी ने निधन से पहले अपने कब्र की मिट्टी को इन जगहों पर विसर्जित किए जाने की इच्छा जताई थी.
अजीत जोगी के बेटे अमित जोगी और पत्नी डॉ. रेणु जोगी, धर्मजीत सिंह समेत उनके पैतृक गांव जोगीसार के पारिवारिक सदस्यों और कंवर समाज के लोगों द्वारा स्वर्गीय अजीत प्रमोद कुमार जोगी के मिट्टी कलश यात्रा निकली गई. यह कलश यात्रा,गौरेला के पावर हाउस तिराहा के पास कब्रिस्तान से निकलकर जलेश्वर मार्ग होते हुए अमरकंटक पहुंची. वहीं गौरेला, पुराना गौरेला, अंजनी, चुकतीपानी आदि जगह मे रोकर कर लोगों ने कलश के दर्शन भी किए.
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अमरकंटक में कलश से कुछ मिट्टी नर्मदा संगम में प्रवाहित किया गया. इसी संगम में अमित जोगी ने धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार स्वर्गीय अजीत जोगी का पिण्डदान भी किया. इसके बाद इस कलश की मिट्टी को नर्मदा अरंडी संगम, अचानकमार के माटीनाला, केवंची और पीढ़ा के जंगलों में भी विसर्जित किया गया. इस कार्यक्रम में लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह, बलौदाबाजार विधायक प्रमोद शर्मा और जोगी परिवार के अन्य सदस्य शामिल हुए. आपको बता दें कि अजीत जोगी का अंतिम संस्कार ईसाई रीति रिवाज से किया गया था.पापा की कविता ‘वसीयत’ के अनुरूप गौरेला में उनकी समाधि को मोहलाईन के मुलायम पत्तों से लपेटके,उसको महुआ,चार,चिरौंजी,तेंदू और बेल के फलों से सजाकर,और उनकी मिट्टी को उनके अंचल की दो पहाड़ी नदियों-उनकी गंगा और जमुना-नर्मदा और सोन के उद्गम में बहाकर, मैंने उनकी ये चार इच्छाएँ पूरी करीं pic.twitter.com/DPBxtQ1TA0
— Amit Jogi (@amitjogi) June 3, 2020