लॉकडाउन के बीच तकरीबन 81 दिनों के बाद डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी मंदिर के पट भक्तों के लिए फिर खोले गए हैं. बता दें कि डोंगरगढ़ स्थित मां बम्लेश्वरी के दरबार में रोजाना तकरीबन 5000 श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं. छत्तीसगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थल में मां बमलेश्वरी मंदिर का स्थान शामिल है. इस कारण दूरदराज से लोग यहां पर दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर में प्रवेश के लिए रोक के बाद लंबे समय से भक्त मां के दर्शन नहीं कर पाए थे. केंद्र सरकार के आदेश के बाद सोमवार से भक्त दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं.

मंदिर परिसर को भक्तों के लिए खोलने के बाद भी कई तरीके के प्रोटोकॉल का पालन भक्तों को करना पड़ेगा. भक्तों को सिर्फ माता के दर्शन का अधिकार दिया गया है. इसके अलावा प्रसाद चढ़ाने के लिए गर्भ गृह से बाहर अलग बॉक्स लगाए गए हैं. वहीं पुजारी भी भक्तों को टीका नहीं लगा पाएंगे. यहां तक कि मंदिर में घंटी बजाने की भी अनुमति नहीं दी गई है.मां बम्लेश्वरी के मुख्य द्वार को बंद ही रखा गया है. दर्शनार्थियों की एंट्री की व्यवस्था नीचे कार्यालय की ओर बने रैप से भैरव बाबा मंदिर होकर किया गया है. वहीं गुंबज पहुंचने के पहले ही महिला और पुरुषों की कतार को अलग-अलग किया गया है. पुरुष भैरव बाबा मंदिर की ओर से और महिलाएं गणेश मंदिर की ओर से दर्शन करेंगी. दर्शन के पहले एंट्री में हर किसी को रजिस्टर में नाम और अपना पूरा पता दर्ज करना होगा. वहीं थर्मामीटर से टेंपरेचर चेक के बाद कर्मचारी सैनिटाइजर से हाथ साफ कराएंगे. प्रसाद चढ़ाने के लिए गुंबज के बाहर ही बॉक्स रखा जाएगा. इसके अलावा दर्शनार्थियों को पैकेट को सैनिटाइज करके प्रसाद दिया जाएगा.

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मां बम्लेश्वरी मंदिर में भक्तों को दर्शन के लिए गाइडलाइन जारी कर दी गई है. गाइडलाइन के मुताबिक सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही दर्शन करने की अनुमति रहेगी. वहीं रोपवे की एक ट्रॉली में सिर्फ 4 लोग ही जा सकेंगे. मां बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नारायण अग्रवाल ने बताया कि दर्शनार्थियों के ऊपर मन्दिर आने-जाने के लिए रोपवे (उड़नखटोला) खोला जाएगा. एक पाली में 6 की जगह 4 लोगों को ही बैठाया जाएगा, लेकिन उस पाली में एक ही परिवार के सदस्य ही बैठे ऐसी कोशिश की जाएगी. हर बार दर्शनार्थियों के चढ़ने-उतरने के बाद ट्रॉली को सैनिटाइज किया जाएगा. मंदिर परिसर में ऊपर से लेकर नीचे तक तकरीबन 200 दुकानें हैं. इन दुकानों को मंदिर के पट खुलने के साथ ही अनुमति मिलने की आशा थी, लेकिन जारी गाइडलाइन के तहत मंदिर परिसर में दुकान लगाने वाले लोगों को दुकान खोलने की अनुमति नहीं दी गई है.

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