प्राप्त जानकारी के अनुसार विगत 25 मई को दिल्ली, जयपुर तथा उत्तरप्रदेश के गौतम बुद्ध नगर, आगरा एवं नोएडा से लौटे 70 प्रवासी श्रमिकों की वापसी के बाद खोखसा के कोणार्क कॉलेज में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में रखा गया था।क्वारेंटाइन सेंटर में पहुंचने के बाद से ही वहां की व्यवस्था संभाल रहे पंचायत प्रतिनिधियों और शासकीय कर्मियों से इनके द्वारा लगातार असहयोग की शिकायतें मिल रही थीं। पुलिस एवं ग्रामीणों द्वारा लगातार समझाईश के बाद भी क्वारेंटाइन सेंटर के सुचारू संचालन में व्यवधान उत्पन्न किया जा रहा था।
विगत 27 मई को मना करने के बावजूद वहां क्वारेंटीन में रह रहे 27 श्रमिक नहाने के लिए खोखसा के बेलडबरी तालाब में चले गए।तालाब से लौटते समय तहसीलदार एवं पुलिस बल को गेट पर देखकर पंचायत सचिव, सरपंच और पंचों को गाली देने लगे। क्वारेंटाइन सेंटर में अवांछित कार्य करने वाले 27 और गाली-गलौच करने वाले सात मजदूरों के विरूद्ध जांजगीर थाने में एफ.आई.आर. दर्ज किया गया।
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खोखसा क्वारेंटाइन सेंटर में रह रहे 18 लोगों को कोविड-19 पीड़ित पाया गया है। वहां रह रहे 12 लोगों के 1 जून को सैंपल जांच की रिपोर्ट आने पर एक मजदूर कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया। पॉजिटिव केस मिलने पर वहां रह रहे 60 और श्रमिकों के सैंपल एकत्र कर जांच के लिए भेजा गया। 2 जून को दो, 4 जून को सात तथा 5 जून को आठ श्रमिकों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। बिलासपुर और दुर्ग के विशेषीकृत कोविड अस्पतालों में इन मरीजों का इलाज किया जा रहा है। अभी खोखसा के क्वारेंटाइन सेंटर्स में 52 मजदूरों को क्वारेंटीन किया गया है।