मंगलवार को एक नन्हे हाथी की मौत हो गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हाथी की मौत का कारण दम घुटना बताया गया है.वनमण्डल परिक्षेत्र धमतरी के तहत गंगरेल डूबान क्षेत्र में गत 10 दिनों से आए हाथी झुण्ड की निगरानी वन अमले द्वारा गश्त कर नियमित रूप से की जा रही है। वनमण्डलाधिकारी श्री अमिताभ बाजपेयी ने बताया कि रात्रि 10 बजे ग्राम उरपुटी में हाथी आने की सूचना मिलने पर परिक्षेत्र सहायक मोंगरागहन एवं स्टाफ द्वारा हाथियों के दल को ग्राम से भगाया गया तथा जंगल की ओर हाथियों के चले जाने के बाद अन्यत्र जंगल में गश्त किया गया। उन्होंने बताया कि 16 जून को सुबह लगभग सवा पांच बजे वन अमले को सूचना मिली कि, ग्राम मोंगरी के पास दलदल में हाथी का बच्चा फंस गया है। सुबह छः बजे वन अमला पहुंचा तो हाथी का बच्चा मोंगरी गांव के पास दलदल में फंसा हुआ मृत पाया गया। बताया गया है कि मृत हाथी की उम्र लगभग तीन वर्ष होने का अनुमान है।
मृत हाथी के पोस्टमार्टम के लिए उप संचालक, उदंती-सीतानदी टायगर रिजर्व, गरियाबंद से डॉ.सोमेश कुमारी जोशी, वन्यजीव पशु चिकित्सा अधिकारी को सूचित कर बुलाया गया। साथ ही उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं, धमतरी की टीम की उपस्थिति में मृत हाथी का पोस्टामार्टम किया गया। पोस्टमार्टम में नर हाथी की सांस लेने में कठिनाई (त्मेचपतंजवतल क्पेजतमेे) की वजह से मृत्यु होना पाया गया। नियमानुसार मृत हाथी को मौके पर मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी श्री अनुराग श्रीवास्तव, मुख्य वन संरक्षक रायपुर वृत्त श्री एस.एस.डी.बड़गैय्या, वनमण्डलाधिकारी धमतरी श्री अमिताभ बाजपेयी, उप वनमण्डलाधिकारी श्री जयदीप झा, परिक्षेत्र अधिकारी श्री आर.के.साहू और मोंगरागहन वृत्त के वन अमला, मोंगरी के ग्रामीणों की उपस्थिति में पंचनामा तैयार कर मृत हाथी के शव को दफनाया गया।
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दरअसल, धमतरी में पिछले एक हफ्ते से हाथियों का दल धमतरी के डुबान इलाके में डेरा डाले हुए है. 21 हाथियों का दल डुबान होते हुए कांकेर जिले के नरहरपुर के सरहद से वापस आ लौट रहा था, जहां हाथियों के दल से एक छोटे हाथी की दलदल में फंसने से मौत हो गई थी.हाथी की मौत की खबर मिलते ही डीएफओ अमिताभ वाजपेयी,रेंजर सहित वन विभाग का अमला मौके पर पहुंचा था.
बता दें कि सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता में उनके निवास कार्यालय में राज्य में वन्य प्राणियों के संरक्षण के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक आयोजित हुई. प्रदेश में लगातार हो रही हाथियों के मौत के मामले में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को वन विभाग की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई थी. मीटिंग के दौरान प्रदेश में 6 हाथियों की मौत को लेकर चर्चा की गई. इस बैठक में हाथियों की मौत पर समीक्षा की गई और उचित निर्देश दिए गए.