बुधवार सुबह प्रवासी मजदूरों ने जमकर बवाल किया. मजदूरों का आरोप था कि उन्हें समय पर खाना नहीं दिया गया. एक कॉलेज में क्वारंटाइन किए गए मजदूरों ने बिल्डिंग में जमकर तोड़फोड़ की. क्वारंटाइन सेंटर का गेट तोड़कर सभी बाहर निकल गए. मामले बिगड़ता देख समझाइश देने प्रशासनिक अमला भी पहुंचा. श्रमिकों को समझाने के बाद कहीं जाकर मामला शांत हुआ. मस्तूरी इलाके का ये पूरा मामला है.दरअसल, बुधवार सुबह बिलासपुर के दोमुहानी इलाके में बने एक क्वारंटाइन सेंटर में विवाद शुरू हो गया. इंजीनियरिंग कॉलेज में रखे गए कुछ मजदूर ने समय पर खाना नहीं मिलने की बात कह कर हंगामा करना शुरू कर दिया. क्वारंटाइन सेंटर का मेन गेट तोड़कर सभी बाहर निकल गए. मजदूरों ने आरोप लगाया वे भूखे हैं और उन्हें समय पर खाना नहीं दिया जा रहा है. हंगामा कर रहे मजदूरों ने क्वारंटाइन सेंटर में तोड़फोड़ भी की.

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समय पर खाना नहीं मिलने का आरोप लगाते हुए क्वारंटाइन सेंटर में मजदूरों ने बुधवार को जमकर हंगामा मचाया. दरअसल, मस्तूरी क्षेत्र के प्रवासी मजदूरों को निजी इंजीनियरिंग कॉलेज में 14 दिन के लिए क्वारंटाइन किया गया है. मजदूरों ने आरोप लगाया कि सुबह से उन्हें खाना नहीं दिया गया है. प्रबंधन पर नाराजगी जाहिर करते हुए सभी ने जमकर हंगामा किया. सेंटर के मेन गेट में मजदूर जमा होने लगे. हंगामे के बाद गेट भी टूट गया और मजदूर बाहर निकल गए.प्रवासियों के हंगामा करने की खबर लगती ही प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची. एसडीएम मोनिका वर्मा ने श्रमिकों की समस्या सुनी और समय पर भोजन मिलने का आश्वासन दिया. प्रशासन से मिली समझाइश के बाद मामला शांत हो गया. फिलहाल स्थिति नियंत्रण में बताई जा रही है. क्वारंटाइन सेंटर के गेट का मरम्मत भी किया जाएगा. वहीं एसडीएम ने क्वारंटाइन सेंटर में सेवाओं का निरीक्षण कर जरूर निर्देश भी दिए हैं.

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