32 नाबालिग समेत 52 लोगों को बस से ले जा रहे थे तमिलनाडु, ग्रामीणों ने किया पुलिस के हवाले,पुलिस द्वारा सभी 32 नाबालिगों को पेश किया गया सीडब्ल्यूसी के समक्ष, मामले की जांच जारी



बुधवार रात जिले के बिहारपुर अंचल में तमिलनाडु की एक बस ग्रामीणों ने पकडक़र पुलिस के हवाले किया है जिसमें करीब 52 मजदूर बैठे हुए थे, इसमें 32 किशोर भी शामिल हैं। 15 से 17 वर्ष के किशोरों को जिला मुख्यालय भेजा गया है जहां सीडब्ल्यूसी द्वारा आगे की कार्रवाई की जाएगी।



बुधवार की रात बिहारपुर अंचल के विशालपुर में तमिलनाडु प्रान्त की एक बस लोगों ने देखा और रोक कर चालक से पूछताछ की तो उचित जवाब नहीं दिया। संदेह पर इसकी सूचना पुलिस (Police) को दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर बस को अपने कब्जे में ले लिया और पूरी रात मजदूर थाने में रहे जिनके खाने आदि की व्यवस्था की गई थी।हालांकि पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नही की है। पुलिस के अनुसार बच्चों को सीडब्ल्यूसी के समक्ष पेश किया गया है, जहां से आगे की कार्रवाई की जाएगी। इधर जिला बाल सरंक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल ने बताया कि विशालपुर में बच्चों के होने की जानकारी मिलने पर टीम वहां भेजी गई थी।सभी 32 बच्चों को सूरजपुर लाया जा रहा है जहां से उन्हें बाल सरंक्षण गृह भेजा जाएगा ओर बाद में परिवार की तस्दीक के बाद परिजनों को सौंप दिया जाएगा।



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52 मजदूरों को बस क्रमांक टीएन 34 बी 4496 से तमिलनाडु की एक धागा कंपनी में काम करने ले जाया जा रहा था। इसमें करीब 15 से 17 साल के 32 किशोर हैं । उक्त सभी लोग बलरामपुर, सिंगरौली व बिहारपुर अंचल के बताए गए हं, जिस बस से उन्हें ले जाया जा रहा था उसमें कोरोना नियमों का कोई पालन नही किया जा रहा था। न मास्क लगे थे और न कोई अन्य एहतियात बरती जा रही थी।बस मध्यप्रदेश से होकर आ रही थी जहां सीमा पर नाका लगा हुआ है।

इन नाकों पर आम आदमी के गुजरने में पुलिस के पूछताछ से पसीने छूट जा रहे हैं पर इतनी बड़ी बस बिना रोक टोक के कैसे पार हो गई, क्या कोई चूक हुई या नाके पर मौजूद पुलिस कर्मियों की मिलीभगत हुई, यह जांच का विषय हो सकता है।



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