मुख्यमंत्री ने स्वयं चॉक चलाकर बनाया मिट्टी का दीया,मुख्यमंत्री ने बूढ़ा तालाब के आकर्षक तट पर ‘छत्तीसगढ़ लोककला शिल्प संसार‘ का किया अवलोकन



मुख्यमंत्री यहां रायपुर प्रशासन की मदद से संचालित महिला स्व-सहायता समूहों ‘बिहान’, नगर-निगम के महिला स्व-सहायता समूहों, छत्तीसगढ़ माटीकला बोर्ड, बिलासा हेन्डलूम एम्पोरियम, छत्तीसगढ खाद्य एवं ग्रामोद्योग बोर्ड, छत्तीसगढ़ हस्त शिल्प बोर्ड के द्वारा बनाए गए मिट्टी और गोबर के आकर्षक दिये, पूजन-सामग्री, लोक शिल्प सामग्रियों सहित अन्य पारंपरिक कलाओं के माध्यम से निर्मित सामग्रियों का अवलोकन किया।


कुम्हारों से मिट्टी में लगने वाले रॉयल्टी टैक्स को नहीं लेने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने स्व-सहायता समूहों की महिलाओं ने स्टॉल में रखे चॉक देखकर अपने आपको नहीं रोक पाए और स्वयं भी कुम्हार की तरह मिट्टी के कलात्मक सामग्री बनाने वाले कलाकार की तरह बनकर अपने हाथों से दीया बनाया। उन्होंने इस अवसर पर अधिकारियों को कुम्हारों को उनके व्यवसाय को बढ़ावा देने वाले सुविधाएं प्रदान करने के साथ-साथ उन्हें मिट्टी में लगने वाले रॉयल्टी टैक्स को नहीं लेने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री जब पैदल भ्रमण करते समय बेलमेटल विक्रय केन्द्र के समीप पहुंचे, तो वहां की कलाकारांे ने बस्तर का पारंपरिक वाद्य यंत्र तोंगा ‘तुरही‘ बजाने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने उनके अनुरोध को सहज होकर स्वीकारा और सुरीले स्वर से अनेक बार तोंगा बजाया।

बिहान स्टॉल में मुख्यमंत्री ने बालिका गृह की अनाथ बालिकाओं को उनके द्वारा राखी पर्व के अवसर पर बनाए गए राखियों के विक्रय से प्राप्त राशि से स्मार्ट फोन और हाथ घड़ियां प्रदान की। श्री बघेल ने इस अवसर पर आकांक्षा संस्था के 7 बच्चों, कोपलवाणी से 27 बच्चों, नवयुग दिव्यांग संस्था के 6 महिलाओं और बच्चों और बालिका गृह के बालिकाओं, नारी निकेतन की 6 परित्यक्त महिलाओं सहित 50 से अधिक बच्चों एवं महिलाओं को दीपावली उपहार के रूप में दीया, पूजन-सामग्री, चॉकलेट और सजावट की अन्य सामग्रियां प्रदान की।



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बेहद आकर्षित और रोशनी से जगमगाते परिसर का पैदल भ्रमण करने के उपरांत मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने नागरिकों से अपील की कि हमारे यहां दीपावली के अवसर पर पारंपरिक रूप से मिट्टी की दीये बनाने की गौरवमयी परंपरा रही है। मेहनतकश लोग पारंपरिक के साथ आधुनिक तरीके से भी अब मिट्टी और गोबर के दीये और पूजन सामग्री बना रहे हैं। नागरिक ऐसी गौरवमयी परंपराओं को निरंतर बढ़ावा दे, जिससे हमारे परंपरागत व्यवसाय से जुड़े लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर मिलते रहे और उनकी आमदनी अच्छी हो। उन्होंने कहा कि महिला समूहों द्वारा भी गोबर के दीये बनाए जा रहे है, जिनकी पूरे देश में काफी मांग है, जिसकी आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

श्री बघेल ने आसमान में उड़ाया आकाशदीप को और प्रदेशवासियों को दी दीपावली की शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर जनप्रतिनिधियों के साथ इस आकर्षक परिसर में आकाशदीप को आसमान में उड़ाया और दीपावली के लिए पूरे प्रदेश की जनता को अपनी शुभकामनाएं दी।

इस अवसर पर विधायकगण सर्वश्री सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा, विकास उपाध्याय, महापौर श्री एजाज ढेबर, सभापति श्री प्रमोद दुबे, छत्तीसगढ खाद्य एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र तिवारी, गौसेवा आयोग के अध्यक्ष महंत श्री रामसुन्दर दास, कलेक्टर डॉ. एस. भारतीदासन, नगर निगम के आयुक्त श्री सौरभ कुमार, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. गौरव सिंह, रायपुर स्मार्ट सिटी के एम.डी. श्री प्रभात मलिक सहित अधिकारी और नागरिकजन उपस्थित थे।



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