मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किये गए
महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और देश के पहले केन्द्रीय शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती 11 नवम्बर को राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में सभी शैक्षिक संस्थानों में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के उपलक्ष्य में संगोष्ठी, निबंध लेखन प्रतियोगिता, कार्यशाला और रैलियों आदि का आयोजन कोविड गाईडलाइन का पालन करते हुए किए जान के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि शिक्षकों का प्रोफेशनल लर्निंग, कम्युनिटी के साथ शिक्षा के महत्व पर आपस में वेबीनार एवं परिचर्चा का आयोजन करने कहा गया हैं। इसी प्रकार शिक्षा की आवश्यकता एवं जागरूकता लाने के लिए स्लोगन, नाटक, जनजागरूकता रैली, निबंध लेखन, पोस्ट निर्माण, चित्रकला और अन्य प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा सकता है।
कोविड के दौरान अपने आस-पास बच्चों के सीखने की स्थिति, विशेषकर बालिकाओं का सीखना जारी रखने संबंधी स्थिति का अध्ययन, गतवर्ष की तुलना में इस वर्ष बालिकाओं के स्कूलों और प्रवेश की तुलनात्मक स्थिति, शालात्यागी बच्चों की जानकारी और अध्ययन जैसी गतिविधियों का आयोजन कर सभी को शिक्षा सुविधा दिलवाने का प्रयास किया जाए।
मुख्यमंत्री ने देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर उन्हें किया नमन
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने महान भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाबा अबुल कलाम आजाद की जयंती पर उन्हें नमन किया है। श्री बघेल ने मौलाना अबुल कलाम आजाद के योगदान का स्मरण करते हुए कहा है कि जहां कहीं भी लोकतंत्र है शिक्षा उसका मूलमंत्र है। जीवन में सफलता प्राप्त करने और कुछ अलग करने के लिए शिक्षा सभी के लिए एक महत्वपूर्ण साधन है। शिक्षा जीवन के कठिन समय में चुनौतियों से सामना करने में सहायता करती है। पूरी शिक्षण प्रक्रिया के दौरान प्राप्त किया गया ज्ञान हम सभी को जीवन के प्रति आत्मनिर्भर बनाता है। शिक्षा जीवन में बेहतर संभावनाओं को प्राप्त करने के अवसरों के लिए विभिन्न दरवाजे खोलती है।
मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री ने राष्ट्रीय शिक्षा दिवस पर सभी शिक्षकों, पालकों, बच्चों और आम नागरिकों को इस बात के लिए बधाई दी है कि कोविड-19 के समय में अध्ययन-अध्यापन की प्रक्रिया को बरकरार रखने के लिए शिक्षा के महत्व को जानते हुए कोरोना योद्धाओं ने विपरीत परिस्थितियों में भी शिक्षा की प्रक्रिया जारी रखी। स्कूल बंद होने के बावजूद भी शिक्षा की प्रक्रिया अभी भी जारी है। यही हमारे देश के प्रथम शिक्षा मंत्री को सच्ची श्रद्धांजलि है जिनकी याद में राष्ट्रीय शिक्षा दिवस मनाया जाता है। आजाद भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री के कार्यकाल में स्कूल, कालेज, विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बहुत बड़ा योगदान दिया है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश का पहला लोकल 🏘️🏚️🏡 ऑनलाइन प्रॉपर्टी क्लासिफाइड 🏢🏬🏣(खरीदी -बिक्री /किराया/लीज )आपके मोबाइल और डेस्कटॉप पर