भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू बैठक में नहीं जाना प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख के अपमान का बताया



भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू द्वारा प्रदेश के हालात को लेकर राजभवन में आहूत बैठक में अपनी अनुपस्थिति को लेकर दी गई सफाई पर कहा है कि उनका बैठक में नहीं जाना प्रदेश के संवैधानिक प्रमुख के अपमान का विषय तो है ही, क्योंकि क्वारेंटाइन होने की बात कहकर राज्यपाल अनुसुइया उईके द्वारा बुलाई गई बैठक में नहीं जाने वाले गृह मंत्री साहू उसी दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा बुलाई गई बैठक में शरीक़ हुए। श्री साय ने कहा कि संवैधानिक संकट खड़ा करके बाद में उससे मुकरना प्रदेश सरकार का राजनीतिक चरित्र बनता जा रहा है, और गृह मंत्री को इस संवैधानिक संकट के बाद अपनी सफाई में कोई कहानी गढ़ने में इतने दिन का समय लग गया!



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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष श्री साय ने कहा कि प्रदेश सरकार कई मौकों पर राजभवन से टकराव के रास्ते पर चलती नज़र आई है। अभी प्रदेश सरकार का राज्यपाल की सहमति लिए बिना राजभवन के सचिव का तबादला करना न केवल संवैधानिक प्रमुख के अपमान का मामला है, अपितु यह संवैधानिक मर्यादा के उल्लंघन का परिचायक भी है। लेकिन प्रदेश सरकार सत्तावादी अहंकार में इतनी चूर हो चुकी है कि वह संवैधानिक मर्यादाओं का पालन करना तक ज़रूरी नहीं समझ रही है। श्री साय ने कहा कि राज्यपाल के अपमान का कोई इरादा नहीं होने का दावा करने से पहले गृह मंत्री अपने और अपनी सरकार के राजनीतिक चरित्र पर मंथन कर लें कि क्या प्रदेश सरकार राजभवन से टकराव के रास्ते पर चलकर संवैधानिक संकट खड़ा करने पर आमादा नहीं है? श्री साय ने कहा कि क्वारेंटाइन होने की बात कहकर राज्यपाल द्वारा आहूत बैठक स्थगित कराना और फिर मुख्यमंत्री की बैठक में शामिल होना क्या संवैधानिक संकट के न्योता नहीं दे रहा है? जब राज्यपाल की बैठक क्वारेंटाइन होने के कारण स्थगित कराई जा सकती है, तो क्या मुख्यमंत्री की बैठक भी नहीं टाली जा सकती थी? श्री साय ने कहा कि ऐसा नहीं करके प्रदेश सरकार ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि उसके सामने संवैधानिक मान-सम्मान का कोई मोल नहीं है। फिर सवाल यह भी उठता है कि क्वारेंटाइन होते हुए मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का कोई बैठक लेना क्या कोविड-19 की गाइडलाइन के उल्लंघन का मामला नहीं है?

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