विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के लिए रणनीति तय करने सोमवार को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के निवास पर बैठक,भाजपा विधायक दल ने विशेष सत्र की बनाई रणनीति
विधानसभा के दो दिवसीय विशेष सत्र के लिए रणनीति तय करने सोमवार को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक के निवास पर बैठक हुई। भाजपा विधायक दल की बैठक में सत्र के संबंध में अहम चर्चा हुई। राज्य सरकार को घेरने और बैकफुट में धकेलने और कौन-कौन से विधायक बोलेंगे, इस पर रणनीति बनाई गई। बैठक के बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि बैठक में सभी विधायकों और नेता प्रतिपक्ष की उपस्थिति में चर्चा हुई। जिस विषय को लेकर कांग्रेस की राज्य सरकार ने विशेष सत्र बुलाया है,कौन सी ऐसी स्थिति या आपातकाल आ गया था कि सत्र बुलाने की जरूरत पड़ी। ऐसे सत्र तो तभी बुलाए जाते हैं जब कोई आपात स्थिति रहती है। इस पर सरकार के पास कोई तर्क नहीं है, कोई कारण नहीं है। और जो ये कारण बता रहे हैं धान खरीदी करना है,धान खरीदी तो 1 दिसंबर से करना है और इसका धान खरीदी से संबंध नहीं है।
इस कानून का, इस बिल का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इस संबंध में विशेष सत्र में भाजपा विधायक अपनी बातों को रखेंगे। जितने भी मुद्दे इस एक्ट के संबंध में कांग्रेस ने उठाए हैं, इसकी कानूनी,वैधानिक जो गड़बड़ियां है इसके संबंध में एक-एक सदस्य बोलेंगे। विधानसभा अध्यक्ष से आग्रह करेंगे कि केन्द्र सरकार ने जो कानून बना दिया है, कानून बनने के बाद राज्य सरकार का कितना अधिकार है बनाने का, इस विषय में प्रश्न भी होगा। केन्द्र के कानून से छेड़खानी करने का अधिकार वैसे भी राज्य को नहीं है। केन्द्र सरकार ने जो एक्ट लाया है वो वाणिज्य और उद्योग से संबंधित है। डॉ. रमन सिंह ने जल जीवन मिशन के संबंध में कहा है कि केन्द्र सरकार से 7 हजार करोड़ रुपए मिले हैं। इसका बंदरबाट पूरी तरह से शुरू हो गया है। सभी अपने हिस्से के लिए लड़ रहे हैं। इसका कितना ज्यादा से ज्यादा गलत तरीके से इस्तेमाल हो जाए, इस विषय के लिए झगड़ा है। कोई जांच के लिए कमेटी बना रहा है, कोई टेंडर निरस्त कर रहा है। इसमें कोई पारदर्शिता नहीं है।
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