छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 हुआ सदन में पेश, बृजमोहन ने कहा- 9 महीने में बच्चा बाहर आ जाता है लेकिन सरकार न्याय योजना का पैसा नहीं दे पाई

छत्तीसगढ़ विधानसभा की विशेष सत्र का मकसद पूरा हो गया है, सरकार की ओर से कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 पेश किया है। इस पर विपक्ष के कई सवाल और सरकार को तंज मिल रहे हैं। लेकिन सत्ता पक्ष बहुमत के आगे विपक्ष का यह तेवर फीका पड़ने वाला है, कैबिनेट में मंत्री मंडल की मंजूरी के बाद यह संसोधित विधेयक पेश हुआ है, जिसे पारित होना ही है।
छत्तीसगढ़ कृषि उपज मंडी (संशोधन) विधेयक 2020 के सदन में पेश होने के बाद बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा ने कहा है “किसानों के मुद्दों पर ये विशेष सत्र बुलाया है। सरकार ने 1 दिसम्बर से धान खरीदी का वक़्त तय किया है यदि सरकार ने 1 नवम्बर से धान खरीदी शुरू नहीं की जाएगी तो किसानों को सुखत का नुकसान उठाना पड़ेगा।
विधायक नारायण चंदेल ने कहा कि केंद्र ने 60 लाख मीट्रिक टन लेने को कहा है तो हम सरकार से मांग करते है कि प्रति एकड़ 15 की जगह 20 क्विंटल धान खरीदा जाए।
अजय चंद्राकर ने कहा कि तथाकथित रूप से 2500 रुपये प्रति क्विंटल किसानों को दे रहे हैं, तथाकथित इसलिए कह रहा हूँ क्योंकि केवल दो ही क़िस्त किसानों को दिया गया है। किसानों की हित की बात कर रहे हैं तो एक नवंबर से धान खरीदी क्यों नहीं की जा रही है? विशेष सत्र में ही इसकी घोषणा की जानी चाहिए।
वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि इस सत्र को किसानों के हित के लिए बुलाया गया है, धान की कटाई शुरू हो चुकी है।
पूर्व सीएम डॉक्टर रमन सिंह ने कहा कि किसानों का धान आना शुरू हो गया है। 15 सालों तक किसानों की आदत थी कि धान खेत से सीधे सोसायटी ले जाता था। लोग घरों में धान नहीं रखते थे। किसानों से 1 नवम्बर से ही धान खरीदी की व्यवस्था होनी चाहिए, प्रति एकड़ 20 क्विंटल खरीदी की जाए। हम ये मांग करते हैं कि इस सत्र में ही सरकार ये कानून लेकर आये कि किसानों से 2500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदी की जाए और यह खरीदी एक नवंबर से हो।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि 2500 रुपये आज भी किसानों के खाते में नहीं गए हैं और इस साल की खरीदी शुरू हो रही है। किसानों की यह स्थिति नहीं है कि अक्टूबर में धान काटने के बाद उसे दिसम्बर तक रोक कर रख सके। इस बीच सदन की कार्यवाही 5 मिनट के लिए स्थगित हुई।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार पर तंज कसा कि 9 महीने में बच्चा बाहर आ जाता है लेकिन सरकार न्याय योजना का पैसा किसानों को दे नहीं पाई।
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