नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एनसीआरबी के रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते कहा कि प्रदेश में हो रहे हादसों पर अंकुश लगाने कारगर कदम जरूरी



नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने एनसीआरबी के रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त करते कहा कि प्रदेश मे हो रहे सड़क हादसों व अन्य हादसों को रोकने की दिशा में प्रदेश सरकार कोई कारगर कदम नही उठा रही है। इसके साथ ही अन्य हादसों में मौतों के आकंडों ने सवाल खड़ा कर दिया है कि तत्काल मेडिकल सुविधा नहीं मिलने से मरने वालों की संख्या बढ़ी है। हाल में जारी रिपोर्ट से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में जो दुर्घटनाओं में मृत्यु की दर है वह राष्ट्रीय औसत से दोगुनी है। वर्ष 2019 में राष्ट्रीय औसत 31.5 प्रति लाख की जनसंख्या में था। जबकि छत्तीसगढ़ में यह 68.6 है,आज देश में यह दूसरे स्थान पर आ गया है। वहीं महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश और अन्य जो बड़े राज्य हैं वह भी दुर्घटनाओं में मृत्युदर के मामले में छत्तीसगढ़ से पीछे हैं। उन्होंने कहा कि यह बताता है कि छत्तीसगढ़ में जो दुर्घटनाएं होती हैं उसमें तत्काल उपचार और आवश्यक मेडिकल सुविधा नहीं मिल पाने से मृत्युदर बढ़ती जा रही है और इसे रोकने में प्रदेश सरकार पूरी तरह विफल है। उन्होंने कहा कि समय पर एंबुलेंस सुविधा नहीं मिल पाती है। कहीं कानूनी अड़चने भी बनी रहती है। दुर्घटनाजन्य स्थानों का चिन्हांकन भी नहीं किया जा रहा हैं।

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प्रदेश में नई सरकार बनने के बाद नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का नारा दिया गया था, लेकिन 2019 में दुर्घटना में मृत्यु दर में छत्तीसगढ़ जो देश में दूसरे स्थान पर है। यह बेहद ही शर्मनाक है। प्रदेश सरकार को इस पर सोचना चाहिए। रिपोर्ट से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष जहां 18839 लोगों की मृत्यु दुर्घटना में हुई थी। वर्ष 2019 में 19789 मृत्यु दुर्घटनाओं में हुई,जो पिछले वर्ष के मुकाबले 5 प्रतिशत ज्यादा है। जबकि राष्ट्रीय औसत देखें तो सिर्फ 1.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। राष्ट्रीय औसत से 5 गुना ज्यादा वृद्धि छत्तीसगढ़ में देखने को मिल रही है। देश में छत्तीसगढ़ का इसमें सातवां स्थान है। गुजरात, उत्तराखंड, दिल्ली, तमिलनाडु, त्रिपुरा यहां पर जो दर है,वह ऋणात्मक है। गुजरात जहां पर वाहनों की संख्या हमारे यहां से काफी ज्यादा है वहां पर भी कम दर है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को कार्य योजना बनाकर कार्य करना चाहिए और सिर्फ कहने के लिए गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ की बात करने की बजाए वास्तव में इस दिशा में कार्य करने की जरूरत है। आत्महत्या मामले में प्रदेश में दर अन्य राज्यों से दुगनी है। बेरोजगारी भी बढ़ती जा रही है,युवाओं को छला जा रहा है। नेता प्रतिपक्ष कौशिक ने कहा कि किसानों को उनकी अगली किस्त दिए जाने के संबंध में कोई निर्णय नही लिया गया है।

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