कुरूद विकासखण्ड के ग्राम मंदरौद के रेत उत्खनन क्षेत्र में जबरदस्त मारपीट ,कलेक्टर ने कहा नदी क्षेत्र में अवैध उत्खनन से संबंधित न होकर मामला उभय पक्षों में मारपीट का प्रतीत हो रहा



कुरूद थाना इलाके के गाड़ाडीह रेत खदान में एक और जिला पंचायत सदस्य से मारपीट की घटना सामने आ गयी है। जानकारी के मुताबिक बीती रात सत्ता पक्ष के जिला पंचायत सदस्य गोविंद साहू के साथ रेत माफियाओं ने बेरहमी से मारपीट की है।सत्ता पक्ष के जनप्रतिनिधि के साथ मारपीट की इस घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गयी है।बीते शाम जिला पंचायत के मेंबर्स जिले के कपालपोड़ी, डमकाडीह और परेवाडीह रेत खदान का निरीक्षण कर बीते रात्रि लगभग 12 बजे कुरूद इलाके के गाड़ाडीह पहुँचे।भी वहां पर मौजूद लोगों ने जिला पंचायत सदस्य के ऊपर जानलेवा हमला करते हुए बेरहमी से पिटाई कर दी .उनके साथ गए लोग जब वहां पर पहुँचे तो लोग वहाँ से भाग निकले.बताया गया कि रेत ठेकेदारों के समूह में महिला भी शामिल थी.

जिला पंचायत सदस्य ने गोविंद साहू ने बताया कि जिला पंचायत के बैठक में हुए फैसले के बाद अवैध रेत खनन की शिकायत मिलने पर टीम के साथ गाड़ाडीह रेत खदान पर पहुँचे थे …जहाँ अवैध रूप से रेत का खनन कर रहे रेत माफिया और उनके गुर्गों ने पहले मुझे खींचते हुए ले गए,गालीगलौच किया फिर डंडे से मेरी बेरहमी से पिटाई कि जिससे मैं बुरी तरह घायल हो गया ,मेरे अन्य साथी वहाँ पहुँचे तब रेत माफिया वहां से भाग निकले ,जिसकी शिकायत हमारे द्वारा थाने में और खनिज विभाग कर दी गयी है…बोले दोषियों के ऊपर सख्त से सख्त कार्यवाही हो …ऐसे अवैध रेत खनन को रोकने हमारा प्रयास लगातार जारी रहेगा…

वही कुरूद विकासखण्ड के ग्राम मंदरौद के रेत उत्खनन क्षेत्र में गत रात्रि घटित मारपीट के मामले में कलेक्टर श्री जयप्रकाश मौर्य ने तत्काल संज्ञान लेते हुए अनुविभागीय अधिकारी कुरूद से घटना के संबंध में प्रतिवेदन मांगा, जिसके आधार पर उन्होंने यह स्पष्ट किया कि रेत उत्खनन एवं भण्डारण क्षेत्र में घटित मारपीट की घटना प्रथम दृष्टया दो उभय पक्षों के बीच विवाद के परिणामस्वरूप प्रतीत हो रहा है, न कि अवैध उत्खनन का। पूरे प्रकरण के संबंध में पुलिस द्वारा विवेचना की जा रही है।

इस संबंध में कलेक्टर ने बताया कि श्री अशोक पवार पिता खेलन सिंह पवार ग्राम मंदरौद पटवारी हल्का नंबर 53 खसरा क्रमांक 1720 का भाग 0.86 हेक्टेयर क्षेत्र में अस्थायी अनुज्ञा भण्डारण की अनुमति प्रदान की गई है। उक्त स्थल में श्री अशोक पवार के चैकीदार एवं उसके परिवार तथा 12-15 लोगों के मध्य विवाद हुआ। अनुविभागीय दण्डाधिकारी कुरूद के माध्यम से घटनाक्रम के संबंध में प्रतिवेदन लिया गया। थाना कुरूद के प्राथमिकी क्रमांक 0497 तथा श्री मनीष पवार के आवेदन पत्र का अवलोकन किया गया। इससे स्पष्ट नहीं होता है कि उभयपक्षों के मध्य मारपीट की घटना के लिए कौन जिम्मेदार है ? इस संबंध में पुलिस उभयपक्षों का बयान लेकर पृथक से विवेचना कर रही है।

अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कुरूद से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर घटनाक्रम के अवलोकन से स्पष्ट है कि तथाकथित मारपीट श्री अशोक पवार के अस्थायी भण्डारण के लिए अनुमति प्राप्त भण्डारण क्षेत्र में हुई। जब यह घटना हुई, तब नदी क्षेत्र में उत्खनन की कार्रवाई नहीं हो रही थी, न ही नदी क्षेत्र से किसी वाहन को जप्त किया। छत्तीसगढ़ खनिज (खनन, परिवहन तथा भण्डारण) नियम 2009 के कण्डिका 03 के तहत भण्डारण क्षेत्र के जांच के लिए प्राधिकृत अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, इनसे इतर व्यक्ति/अधिकारी भण्डारण क्षेत्र में अवैध प्रवेश नहीं कर सकता है, यदि किसी व्यक्ति को शिकायत है तो सक्षम प्राधिकारी को सूचना दे सकता है। इस घटनाक्रम के अवलोकन से स्पष्ट है कि श्री अशोक पवार के मंदरौद स्थित अस्थायी अनुज्ञा भण्डारण क्षेत्र में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा नियम विरूद्ध प्रवेश किया गया, जिससे यह घटना घटित हुई। प्रथम दृष्ट्या स्पष्ट है कि यह मामला अवैध उत्खनन से संबंधित न होकर दो पक्षों की मारपीट से संबंधित है, जिसकी विवेचना पुलिस के द्वारा की जा रही है। कलेक्टर ने कहा है कि जांच के उपरांत दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।

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