कालीचरण की बोली पर सियासी बवाल:युवा कांग्रेस ने धर्म संसद के आयोजकों पर भी की FIR की मांग; आयोजन समिति में कांग्रेसी नेता भी

रायपुर में आयोजित धर्म संसद में स्वयंभू संत कालीचरण की जहरीली बोली के बाद से सियासी बवाल मच गया है। रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे की तहरीर पर रायपुर पुलिस ने कालीचरण बाबा के खिलाफ FIR दर्ज कर ली है। अब युवा कांग्रेस ने धर्म संसद के आयोजकों पर भी FIR की मांग उठाई है। इसके आयोजकों में कांग्रेस नेता भी शामिल थे।
युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुबोध हरितवाल ने कहा, रायपुर में आयोजित इस धर्म संसद के आयोजनकर्ताओं पर भी मामला दर्ज किया जाना चाहिए जिन्होंने कालीचरण जैसे बाबा को आमंत्रित किया। सुबोध हरितवाल ने कहा, बाबा कालीचरण की भाषा में हिंसा झलक रही है जो भारतीय संस्कृति के खिलाफ है और अस्वीकार्य है। महात्मा गांधी के देश में ऐसे कृत्यों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। आयोजन समिति के लोगों को यह सुनिश्चित करना था कि सभा में हिन्दू सनातन धर्म की बात हो, देवी देवताओं की बात हो, समाज को मजबूत करते हुए देश को मजबूत करने की बात हो।
हरितवाल ने कहा, कालीचरण बाबा जैसे लोगों को आमंत्रित कर छत्तीसगढ़ का शांत वातावरण खराब करने के लिए कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसी मांग पर पार्टी में ही असमंजस की स्थिति बन रही है।
कालीचरण बाबा के बयान का मंच से ही विरोध जताने वाले राज्य गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष और दूधाधारी मठ के महंत रामसुंदर दास आयोजन के संरक्षक थे। इसके अलावा कांग्रेस विधायक विकास उपाध्याय और रायपुर नगर निगम के सभापति प्रमोद दुबे इसके आयोजन से जुड़े हुए थे। हालांकि इसके आमंत्रण में आयोजक के तौर पर अब तक अनाम रहे एक संगठन श्री नीलकंठ सेवा संस्थान एवं समस्त हिंदू संगठनों के नाम का उपयोग हुआ था। इसके संरक्षकों में शंकराचार्य आश्रम के इंदुभवानंद और शदाणी दरबार के प्रमुख युधिष्ठिर लाल को भी शामिल किया गया था। जिस समय महात्मा गांधी को गाली देकर उनके हत्यारे का महिमामंडन हो रहा था, इसमें से अधिकांश लोग वहां मौजूद भी थे।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा, आयोजकों में जो कांग्रेस के पदाधिकारी थे उन पर एक्शन के संबंध में विचार किया जा रहा है। फौरी तौर पर आयोजकों को यह ध्यान रखना था कि वे जिन संतों को बुला रहे हैं उनकी विध्वंसक प्रोफाइल तो नहीं है। वे इस देश की गंगा-जमुनी तहजीब पर प्रहार करने वाले लोग तो नहीं हैं। धर्म संसद की आड़ में राष्ट्रपिता पर प्रहार किया जाएगा तो बर्दाश्त नहीं है। शुक्ला ने कहा, आयोजकों में जो कांग्रेस के लोग शामिल थे, उनसे भी पूछताछ की जाएगी।
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