पति को पत्नी के उपर कई लोगों से अवैध सम्बन्ध होने का था शक ,नौकर के साथ मिल कर रची हत्या की साजिश ,पुलिस ने 72 घंटे के भीतर ही सुलझाया मामला
पूरा मामला बलौदा थाना के पंतोरा चौकी की है। पति के द्वारा दर्ज शिकायत के मुताबिक, 15 जून सोमवार की रात बिलासपुर निवासी देवेंद्र सोनी अपनी पत्नी दीप्ती सोनी के साथ कोरबा से अपने घर कार में लौट रहा था। इस दौरान उरगा, जंगल चौराहे के पास बाथरूम जाने के लिए कार से उतरा, उतने में ही उसकी पत्नी की चिखने की आवाज सुनाई दी। आवाज सुनकर जब देवेंद्र अपनी कार के पास पहुंचा तो कार के पीछे वाली सीट में बैठे दो अनजान व्यक्ति उसकी पत्नी का गला रस्सी से दबा रहे थे। वहीं कार के बाहर खड़ा तीसरा व्यक्ति उसे कट्टा दिखाकर कार में रखे 45 हजार रूपए, लैपटाॅप और मोबाइल लूट लिये। हत्या और लूटपाट की इस घटना के बाद आरोपी मृतिका महिला के पति का हाथ पीछे से बांधकर वहां से फरार हो गये।
घटना के बाद जैसे-तैसे मृतिका का पति वनोपज जांच नाका बेरियर के पास पहुंचा और इस पूरे घटनाक्रम की जानकारी वहां मौजूद दो वनकर्मियों को दी। जिसके बाद पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू की।
इधर जैसे ही इस घटना की जानकारी जांजगीर एसपी पारूल माथूर को हुई तो इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए एक विशेष टीम बनाकर जांच के आदेश दिये। पुलिस ने सबसे पहले घटनास्थल के पास फारेस्ट बैरियर के दो वनरक्षक से पूछताछ शुरू की। पूछताछ में पता चला कि, देवेंद्र सोनी के बताये हुए हुलिए के 4 व्यक्तियों न तो यहां से आते हुए देखाई दिए और न ही जाते हुए दिखाई दिए। इसके बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर ही मृतिका के पति देवेंद्र सोनी से ही पूछताछ शुरू की। देवेंद्र पहले तो पूछताछ में पुलिस को गुमराह करता रहा, जब कढ़ाई से उससे पूछताछ की गई तो आरोपी ने हत्या की बात कबूल कर ली।
आरोपी ने बताया कि, उसकी पत्नी का एक नहीं कई लोगों के साथ प्रेम संबंध था, जिसे लेकर दोनों का आये दिन विवाद भी होता था। पत्नी को बार बार समझाने पर भी वो नहीं मान रही थी। इसी बात से गुस्सा होकर उसने अपनी पत्नी की हत्या की साजिश रची थी। साथ ही इस घटना को अंजाम देने के लिए अपने यहाँ काम करने वाले प्रदीप सोनी और उसकी पत्नी शालू को भी शामिल किया था।
हत्या की जगह काम करने वाले प्रदीप सोनी और उसकी पत्नी शालू ने चुनी थी। तीनों ने मिलकर घटना के तीन दिन पहले ही वारदात वाली जगह को देखने के लिए गए हुए थे। इसके बाद इस खौफनाक घटना को अंजाम देने के लिए बलौदा पनतोरा मार्ग को चुना था। तीनों ने मिलकर तय योजना के अनुसार बैंक कार्य का बहाना कर के देवेंद्र अपनी पत्नी को 14 जून को बिलासपुर से बलौदा होते हुए कोरबा ले कर गया। यहाँ पर काम निपटने पर वापसी घर लौटने के दौरान तयशुदा जगह में गाड़ी बथरूम के बहाने से रोकी। यहाँ पर पहले से ही प्रदीप और उसकी पत्नी शालू मौजूद थी, दोनों ने मिलकर दीप्ति के हाथ पांव पकड़ लिए और फिर प्रदीप ने नायलोन रस्सी से गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी
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