दिल की बीमारी से बचने स्वस्थ जीवन-शैली और अच्छा खान-पान अपनाएं,स्वस्थ हृदय के लिए शराब, धूम्रपान, तनाव, शारीरिक निष्क्रियता और मोटापा से बचें
स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ दिल का होना बहुत जरूरी है। हृदय की सेहत के प्रति लापरवाही बिल्कुल भी नहीं बरतना चाहिए। आधुनिक जीवन-शैली और अनियमित आहार-व्यवहार के कारण अब 30-40 साल की उम्र में ही लोगों को दिल के रोग होने लगे हैं। तम्बाकू सेवन, अस्वस्थ आहार, शारीरिक निष्क्रियता और शराब के सेवन से हृदय रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। यदि इन कारकों पर नियंत्रण कर लिया जाए तो हृदय रोग से होने वाली 80 प्रतिशत मौतों को कम किया जा सकता है। हृदय से संबंधित बीमारियों की रोकथाम के लिए स्वस्थ जीवन-शैली अपनाना बहुत जरूरी है।
स्वास्थ्य सेवाएं संचालनालय में एनपीसीडीसीएस (National Program for Prevention and Control of Cancer, Diabetes, Cardiovascular Diseases and Stroke) के उप संचालक डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि देश में हर वर्ष 28 प्रतिशत लोगों की मृत्यु हृदय रोगों के कारण होती है। कोलेस्ट्रॉल का बढ़ना, धूम्रपान, शराब का सेवन, तनाव, अनुवांशिकता, मोटापा एवं उच्च रक्तचाप हृदय रोग के प्रमुख कारण हैं। उन्होंने बताया कि सीने में बेचैनी महसूस होना, कई दिनों तक अधिक कफ आना, सांस लेने में दिक्कत होना, सीने में दर्द के साथ अत्यधिक पसीना आना, चक्कर आना या सिर घूमना आदि हृदय रोग के लक्षण हो सकते हैं। इस तरह के लक्षण दिखाई देने या महसूस होने पर अपने नजदीकी चिकित्सा महाविद्यालय, जिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में जाकर जाँच जरूर कराना चाहिए।
तम्बाकू, शराब व इस तरह के अन्य मादक पदार्थों को त्यागकर संयमित जीवन-शैली, स्वस्थ आहार व योग को दिनचर्या में शामिल कर हृदय रोगों से काफी हद तक बचा जा सकता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर शिविरों के माध्यम से हृदय रोग संबंधी जांच की जाती है। विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से सार्वजनिक स्थलों, अस्पतालों, स्कूल-कालेजों आदि में नागरिकों को हृदय रोग और इससे बचाव के बारे में जागरूक किया जाता है।
छत्तीसगढ़ में क्या आपको ऐसे जीवन साथी की तलाश है जो छत्तीसगढ़ में निवासरत है या छत्तीसगढ़ से संबंधित है ?? छत्तीसगढ़ का पहला ऑनलाइन matrimony क्लासिफाइड के लिए यहाँ क्लिक करें