भारतीय रेल के रिजर्वेशन प्रणाली के सिस्टम से परेशान हुआ परिवार ,सीटों का आवंटन के लिए टीटी ने खड़े किये हाथ





भारतीय रेल की आरक्षण प्रणाली विश्व में अग्रणी मानी जाती है लेकिन एक परिवार के साथ हुयी परेशानी ने इस सिस्टम की गलती को पकड़ा है . भारतीय रेल की आरक्षण पद्धति का एक अजीबोगरीब वाकया सामने आया है। हुआ यूं कि तिल्दा के एक दम्पति को अपने परिवार सहित तिल्दा से ग्वालियर जाना था। परिवार में दंपत्ति के साथ उनकी दो बेटियां साथ मे थी तो सुविधा को ध्यान में रखते हुए उन्होंने प्रथम श्रेणी एसी में उच्चतम श्रेणी में आरक्षण कराया। आरक्ष पध्हती के अनुसार 1AC में टिकट कन्फर्म दी जाती है और सीटों का आवंटन पैसेंजर को अधिकतम उचित स्थान पर रखते किया जाता है। यहां दिनाक 2 अप्रैल 22 के इनके एक PNR 6100206029 में 3 अलग अलग जगह सीट आवंटित की गई। जैसा की य्तरी दंपत्ति ने बताया की पूरा कोच तिल्दा से रायपुर, रायपुर से नागपुर, नागपुर से भोपाल और भोपाल के आगे भी खाली रही।

यात्री ने अनुभव साझा करते बताया कि हर चेंज पॉइंट पर TTE से निवेदन किया लेकिन किसी जगह भी एक स्थायी जगह नही मिल सकी। हर जगह अस्थाई तौर पर एक जगह बैठने की अपुष्ट अनुमति दी गयी । यात्रा के दौरान सबसे ख़ास बात यात्री ने नोटिस की खाली शीटों को ट्रेन के अटेंडेंट और होउसेकीओइंग स्टाफ द्वार उपयोग में भी लाया जा रहा था। ऐसी स्तिथि में दम्पति अलग अलग जगह जा भी नही पा रहे थे क्योंकि एक पुरुष सदस्य के अलावा बाकी महिलाएं थी।

हालांकि इस सम्बन्ध में जानकारी रेल मदद ऐप्प में भी दी गयी लेकिन बर्थ खाली होने की जानकारी होने के बावजूद कंप्यूटर सिस्टम से एलोतमेंट होने के बात कह कर रेलवे ने अपनी जिम्पमेदारी से पल्ला झाड़ लिया।.अक्सर इस तरह की परेशानी यात्रा के दौरान यात्रियों को करनी पड़ती है इस सबंध में पहले भी रेलवे में शिकायत की गयी है लेकिन हर बार कंप्यूटर सिस्टम के उपर ठीकरा फोड़ दिया जाता है



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