भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश कोषाध्यक्ष शिक्षाविद कांतिलाल जैन ने छत्तीसगढ़ प्रदेश का शिक्षा के गिरते स्तर और उसमे सरकार की चुप्पी पर साधा निशाना





भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश कोषाध्यक्ष शिक्षाविद कांतिलाल जैन ने प्रदेश सरकार की शिक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा की नेशनल इंस्टिट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क के द्वारा जारी ताज़ा सूची में छत्तीसगढ़ के राजकीय संस्थानों की गिरती स्थिति हमारे छत्तीसगढ़ के उच्च शिक्षा की स्थिति को बयान करती है, तमाम शिक्षाविद एवम शिक्षा जगत से जुड़े लोगो ने चिंता प्रगट की है मगर राज्य सरकार इन सब से मौन है,न तो प्रदेश के विश्वविध्यालय की किसी गतिविधि में सुधार दिख रहा है और न ही ऐसी कोई इच्छाशक्ति वाले कोई अधिकारी जो इस ओर ध्यान रखे|

शिक्षाविद कांतिलाल जैन ने सवाल उठाया की वर्तमान सरकार ने उच्च शिक्षा के सुधार के लिये न तो कोई सार्थक कदम उठाये बल्कि जब पुरे देश में ऑफलाइन परीक्षा लिया जा रहा था तब हमारे छत्तीसगढ़ प्रदेश में उच्च शिक्षा की समस्त परीक्षा ऑन लाइन पद्धति से ली गई,उसमे आदेश ऐसा की साल भर की अर्थात दोनों सेमेस्टर की सभी परीक्षा ऑन लाइन मूड में ली गई जबकि हास्यास्पद बात यह है की प्रदेश में दसवी और बारहवी की छत्तीसगढ़ बोर्ड की परीक्षा ऑफलाइन सफलता पूर्वक पुरे कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखकर ली गई |

शिक्षाविद एवम भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारी सीए. कान्तीलाल जैन जी ने इस बाबत गहरी चिंता व्यक्त की है और प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालय एवम महाविद्यालय की न केवल रैंकिंग बल्कि शिक्षा का स्तर उठाने राज्य सरकार को लगातार पत्र व्यवहार करते है मगर राज्य सरकार की ढुलमुल नीति ने प्रदेश के बच्चो का भविष्य अंधकारमय कर दिया है |



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बिना सीबीएससी बारहवी परिणाम के प्रदेश के अनेक गैर शासकीय महाविद्यालय में प्रवेश समाप्त हो चुका है, लगातार इस बात की मांग की जा रही है की सभी बोर्ड के परिणाम को एकसूत्र में कैसे आंके इसके लिये उच्च शिक्षा आयोग केन्द्रीय विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिये CUET परीक्षा को माध्यम बनाया है ऐसी ही आवश्यकता हमारे प्रदेश में भी है मगर सरकार का ध्यान सिर्फ खानापूर्ति में लगा है|

रिसर्च की कमी,अन्य गैर शिक्षकीय कार्यो में शिक्षक को व्यस्त करना, नये सिलेबस बनकर तैयार है मगर पता नही किसके दबाव में इसे लागू नहीं किया जा रहा है ऐसे में नयी शिक्षा नीति को लागू करने की न तो नीति और न ही नियत दिखाई पड़ रही है |

स्कूल शिक्षा में लगातार नये नये प्रयोग कर शिक्षको को नालायक समझने वाले अधिकारी मात्र बंद कमरे में बैठकर नियम बना रहे है जिसे प्रदेश के अशासकीय विद्यालय मानने से इंकार करते है| स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल ने हिंदी माध्यम स्कूल की स्थिति को गंभीर अवस्था में ला दिया है बहुत सी हिंदी माध्यम स्कूल को बंद कर विद्यार्थियो को वहां से दूर स्कूल में भेज दिया गया है |मात्र घोषणा से स्कूल नहीं चल सकता वहां अंग्रेजी माध्यम के शिक्षक चाहिए जिसकी बेहद कमी है इस ओर प्रयास नहीं के बराबर है |शिक्षा के साथ जुड़े सर्वांगींण विकास की बहुत ही दयनीय स्थिति है लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लगते जा रहे है और स्थिति बदस्तूर जारी है|

गैर शिक्षकीय कार्य, अनुशासनात्मक कार्यवाही की कमी,शिक्षको की कमी, भर्ती प्रक्रिया में त्रुटि एवम ढुलमुल नीति हमारे प्रदेश के बच्चो को राष्ट्रीय स्तर एवम अंतराष्ट्रीय स्तर के संस्थानों में प्रवेश प्रक्रिया में परेशानियों का सामना करना पढ़ रहा है

इसके पहले भी भाजपा शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश पदाधिकारी कान्तीलाल जैन ने इस ओर सरकार को ध्यान दिलाने की कोशिश की है और इस पर समय रहते सुधार करने का आग्रह किया है |नैक रैंकिंग में सुधार के लिये शासन स्तर पर पुरजोर प्रयास करना होगा जिसमे इन्फ्रास्ट्रक्चर,ट्रेंड फैकल्टी,रिसर्च, वित्तीय अंशदान,होस्टल सुविधा इन सब बातो पर ध्यान देना होगा|





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