छत्तीसगढ़ में बीते 12 दिन से जारी अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन की अनिश्चितकालीन हड़ताल स्थगित हो गई है, 4 चरणों में हुआ था आंदोलन
पिछले 12 दिनों से प्रदेश में चल रही कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो गई है। इसमें करीब 4 लाख कर्मचारी और कई संगठन शामिल थे। इससे पहले गुरुवार को इस हड़ताल में शामिल तमाम संगठनों के पदाधिकारियों ने बैठक की थी। इसमें हड़ताल खत्म करने पर सहमति नहीं बन पाई थी, लेकिन शुक्रवार को हुई कोर कमेटी की बैठक के बाद हड़ताल खत्म करने की घोषणा कर दी गई। इस मामले में मंत्री रविंद्र चौबे कर्मचारियों से सरकार की ओर से बात कर रहे थे।
4 चरणों में हुआ आंदोलन
हड़ताल स्थगित करने से पहले कर्मचारी- अधिकारी फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा कि महंगाई भत्ता और एचआरए के लिए पूरे प्रदेश में 4 चरणों में आंदोलन किया. दूसरे चरण में जो आंदोलन हुआ, उसमें 5 दिन पूरे प्रदेश में शासकीय कार्यालय बंद रहे थे. 22 अगस्त से जो अनिश्चितकालीन हड़ताल हुआ इसमें सभी संघ शामिल हुए.
सीएम हमारी मांग को लेकर चिंतित
संयोजनक ने कहा कि अपने मौलिक अधिकार के लिए हमने जो संदेश दिया वह आपके सामने है. मंत्री रविन्द्र चौबे के साथ लगातार संवाद हो रहा था. मंत्री जी के आशीर्वाद से मुख्यमंत्री से बात हुई और मुख्यमंत्री की पहल पर मुख्य सचिव के साथ चर्चा हुई. जिसमें हमने सुझाव दिया. कोर कमेटी की बैठक में बात हुई कि हमारी मांगों को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भी चिंतित है. फेडरेशन के संयोजक कमल वर्मा ने कहा है कि फेडरेशन ने मुख्य सचिव को जो सुझाव दिया था। सरकार ने सभी सुझाव को स्वीकार कर लिया है। समझौता मंत्री रविन्द्र चौबे के बंगले में हुआ है। उन्होंने मुख्यमंत्री से सहमति लेकर फेडरेशन के प्रतिनिधियों को अवगत कराया गया। आज से आंदोलन को स्थगित किया जाता है। सभी साथी अपने कार्यालय में तत्काल उपस्थिति दें
कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा
वहीं हडताल खत्म होने के बाद मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मैं कर्मचारी-अधिकारी के अध्यक्ष कमल वर्मा और उनकी पूरी टीम को मैं धन्यवाद करता हूं कि उन्होंने सीएम की अपील पर हड़ताल खत्म करने का फैसला लिया है। फेडरेशन की मांगों पर हम चर्चा कर रहे थे। लगभग अधिकांश मांगों पर सहमति बनी है। आने वाले समय में और जो भी इनके हित में निर्णय होगा, वो सरकार लेगी।
मांग पूरी हो वरना फिर आंदोलन
संयोजक कमल ने कहा कि हमें मालूम है कि हमारे हड़ताल के कारण प्रदेश की जनता को काफी दिक्कते हुई, स्कूल बंद रहे. हमारी मांगों को सरकार ने सहानुभूति पूर्वक लिया है और यदि आने वाले समय पर मांगे पूरी नहीं होती तो आगे भी और आंदोलन किया जाएगा. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने गुरुवार दोपहर बाद राजपत्रित अधिकारी संघ के शंकर नगर स्थित कार्यालय में जिला संयोजकों और संबद्ध संगठनों के अध्यक्षों की बैठक हुई थी। शुरुआती बातचीत में ही माहौल गर्म हो गया था। वहीं कार्यालय में जगह कम पड़ने लगी। कोई नतीजा नहीं निकला तो सभी कर्मचारी नेताओं को रायपुर के बहु उद्देशीय स्कूल में बुलाया गया। वहां देर रात तक बैठक चली। अधिकांश संगठनों के प्रतिनिधियों की राय थी की जो राजनीतिक पार्टी मंहगाई के खिलाफ दिल्ली जाकर प्रदर्शन करने वाली है। उस पार्टी की सरकार को कर्मचारियों के मंहगाई भत्ते की मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करना चाहिए। उनका कहना था, जब तक सरकार इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लेती तब तक हड़ताल जारी रखा जाए।
5 लाख कर्मचारी शामिल हुए
बता दें कि हड़ताल में प्रदेशभर के करीब पांच लाख कर्मचारी शामिल हुए. हड़ताल में कलेक्ट्रेट, तहसील के साथ ही कृषि, वन विभाग, समाज कल्याण विभाग, स्कूल शिक्षा समेत 52 विभिन्ना विभाग के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं. इनके साथ ही 23 जिलों में जिला न्यायालय, कुटुंब न्यायालय, परिवार न्यायालय भी बंद हैं. जिसकी वजह से कई मामले लंबित हो गए है.
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