जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा बाल संरक्षण के विषय में छात्रों को जागरूक कराया गया
जिला बाल संरक्षण इकाई, महिला एवं बाल विकास विभाग चाइल्ड हेल्पलाईन 1098 शाखा बेमेतरा के द्वारा बीते दिनों ग्राम खुडगुडी, विकासखण्ड बेमेतरा, जिला-बेमेतरा के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खुडमुडी के स्कूली बच्चों को जिला कार्यक्रम अधिकारी के निर्देशानुसार एवं जिला बाल संरक्षण अधिकारी श्री योग श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की सेवाओं के बारे में चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 के सुपरवाइजर एवं केस वर्कर टीम के द्वारा जानकारी देते हुए बताया गया कि, 0–18 वर्ष के बच्चों की देखभाल एवं संरक्षण से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या होने की स्थिति में 24x7 फोन कर सेवा लिया जा सकता है।
इस दौरान बच्चों को बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986 (यथा संशोधित 2006) के विषय में जानकारी देते हुए बताया गया कि 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों से काम कराना पूर्णतः प्रतिबंधित है तथा 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को कारखाना, बीड़ी उद्योग, पत्थर खदान, ज्वलनशील एवं विस्फोटक आदि 107 खतरनाक स्थानों में कार्य कराना प्रतिबंधित है जहां बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास प्रभावित होता हो। इन स्थानों में यदि कार्य करवातें बच्चे पाये जाने की स्थिति में नियोक्ता को 6 माह से 2 वर्ष का राजा एवं 20000-50000 हजार रू. का अर्थदण्ड या दोनों हो सकता है एवं नियोक्ता दण्डित होने के बाद भी बालश्रम करवाता / जारी रखता है तो 3 वर्ष का सजा हो सकती है. की जानकारी दी गई। साथ ही बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 में 21 वर्ष से कम आयु के लड़के एवं 18 वर्ष से कम आयु की लड़की के विवाह को प्रतिबंधित करता है तथा बाल विवाह करवाने अथवा उसमें सम्मलित व्यक्तियों को 2 वर्ष तक के कठोर कारावास अथवा 1 लाख रु का जुर्माना अथवा दोनों से दण्डित किया जा सकता है। के संबंध में जानकारी दी गई। इस जागरूता के कार्यशाला में शाला के प्रधानपाठक, आ.बा. कार्यकर्ता एवं शाला के छात्र-छात्राएं उपस्थित रहीं।
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