शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने से पहले छात्रावास-आश्रम होंगे दुरूस्त,सहायक आयुक्तों को विस्तृत दिशा-निर्देश





आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा संचालित किए जा रहे सभी छात्रावास-आश्रमों को शैक्षणिक सत्र प्रारंभ होने के पहले दुरूस्त करने के निर्देश दिए गए हैं। छात्रावासों-आश्रमों की साफ-सफाई मरम्मत, पेयजल व्यवस्था, रंग-रोगन और मेस व्यवस्था के लिए सभी आवश्यक इंतजाम करने कहा गया है। गौरतलब है कि छात्रावासों-आश्रमों की व्यवस्था के साथ ही सभी सहायक आयुक्तों को निगरानी समिति की बैठक और पालक-बालक सम्मेलन आहूत करने आयुक्त आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि छात्रावास-आश्रम शालाओं मंे अध्ययनरत विद्यार्थियों को विभागीय योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ-साथ निःशुल्क भोजन, शुद्ध स्वच्छ पेयजल, विद्युत, भवन, योग, स्वास्थ्य परीक्षण, ट्यूशन की व्यवस्था की जाए। इसके अलावा सभी विद्यार्थियों को नाश्ते में मिलेट को भी शामिल करने कहा गया है। बस्तर एवं सरगुजा संभाग के छात्रावास-आश्रम शालाओं में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए राज्य भ्रमण कराने की योजना का भी क्रियान्वयन किया जाए। छात्रावास-आश्रमों में स्वच्छता संबंधी निर्देश और हाथ धुलाई के चित्र अनिवार्य रूप से दीवारों पर अंकित कराने कहा गया है। विद्यार्थियों को खाने से पहले हाथों को साबून से धोना और साफ कपड़ो से पोछना अनिवार्य कराया जाए। छात्रावासों के आंतरिक दीवारों पर ज्ञानवर्धक चित्र, उपयोगी सामान्य ज्ञान, समय-सारणी तथा छात्रावास-आश्रम से जुड़े अधिकारियों के महत्वपूर्ण टेलीफोन एवं मोबाईल नंबर का उल्लेख किया जाए।

छात्रावास-आश्रमों मेें प्रवेश के लिए प्राचार्याे, प्रधानाचार्याे और अधीक्षकों के साथ बैठक कर स्कूलों से निम्न आय वर्ग के प्रतिभावान बच्चों के सूची तैयार करने और उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियमानुसार प्रवेश दिलाने के निर्देश भी दिए गए हैं। रिक्त सीटों पर प्री-मेट्रिक छात्रावासों में कक्षा 11वीं एवं 12वीं के विद्यार्थियों को नियमानुसार प्रवेश दिया जाए। कन्या छात्रावास एवं आश्रम में पक्का भवन, अधीक्षक, चौकीदार एवं नगर सैनिक के लिए आवास गृह होना चाहिए। अधीक्षक का आवास गृह उसी भवन परिसर में हो तो उसके लिए पृथक निकासी द्वार की व्यवस्था की जाए। भवन में अहाता, बिजली, पेयजल तथा शौचालय समुचित व्यवस्था होनी चाहिए। कन्या छात्रावास-आश्रमों में महिला नगर सैनिक पदस्थ किए गए है, किन्तु जिन कन्या संस्थाओं में महिला नगर सैनिक पदस्थ नही है, वहां पर रात्रि काल में महिला चौकीदार की व्यवस्था की जाए।



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