स्काई वॉक के पक्ष में सुझाव समिति ,पूर्व PWD मंत्री राजेश मूणत सामने आए। उन्होंने भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस ली
रायपुर में बने स्काई वॉक को लेकर कांग्रेस सरकार की बनाई दो कमेटियों ने करीब चार साल बाद अपनी रिपोर्ट दे दी है और दोनों ने ही स्काईवाॅक को पूरा करने का सुझाव दिया है। विधायक सत्यनारायण शर्मा की अध्यक्षता में बनी सामान्य सुझाव समिति ने अपनी फाइनल रिपोर्ट में कहा है कि स्काई वॉक को तोड़ना नहीं चाहिए, इससे लोकधन का नुकसान होगा।
अब इस मामले को लेकर पूर्व PWD मंत्री राजेश मूणत सामने आए। उन्होंने भाजपा कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस ली। मूणत ने कहा कि सत्यनारायण शर्मा की रिपोर्ट के बाद कांग्रेस को जवाब देना चाहिए कि जानबूझकर स्काई वॉक पर भ्रष्टाचार का हल्ला करते रहे। अब खुद इसे उपयोगी मान रहे हैं, अब सरकार को स्काई वॉक को निर्माण करना चाहिए। यदि निर्माण न हुआ तो भाजपा की सरकार प्रदेश में बनेगी वो इसे पूरा करेगी।
राजेश मूणत ने कहा कि मुझे जानबूझकर टारगेट किया जा रहा हे। पहला व्यक्ति हूं जिसकी पूरी सुरक्षा छीन ली गई दो महीने में, शराब बेचने वालों को सुविधा दी गई है। मैं फोटो जारी कर दूंगा, नाम का खुलासा कर दूंगा। जो लोग इस प्रदेश में अवैध शराब का धंधा चला रहे हैं। पुलिस के संरक्षण में उन्हें सुरक्षा मिली है, पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर हैं। इस दौरान मूणत ने CD कांड को लेकर कहा कि जल्द ही इसपर फैसला आएगा। दोषियों को सजा होगी।
क्या सुरक्षा हटाए जाने के पीछे कोई साजिश है ये पूछे जाने पर राजेश मूणत ने कहा- ऊपर वाला बैठा है साजिश का ऐसा है कि हम तो सड़क छाप हैं, पहले भी सड़क पर घूमते थे आज भी घूमते हैं, जनता के बीच वाले हैं। हमें इससे फर्क नहीं पड़ता। हम इनकी नियत पर बात कर रहे हैं।
कमेटी ने स्काई वॉक पर कहा है कि इतना पैसा खर्च हो चुका है कि अब इसे तोड़ना राष्ट्रीय अपव्यय होगा। इसलिए एकमात्र समाधान दोबारा निर्माण करना ही है। कांग्रेस सरकार बनने के करीब तीन माह बाद, एक मार्च 2019 को स्काई वॉक के काम को तत्काल रोक दिया गया था। इसके बाद तकनीकी और सामान्य सुझाव समिति बनाई गईं। विधायक सत्यनारायण की अध्यक्षता में बनी सामान्य सुझाव समिति ने तीन बैठकें की। समिति के लोगों ने माना कि 45 करोड़ का कार्य होने के बाद इसे तोड़ना ठीक नहीं है।
तीन महीने पहले छत्तीसगढ़ सरकार ने स्काई वॉक मामले की जांच एसीबी और ईओडब्ल्यू (EOW) को सौंपने का फैसला किया है। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया था कि 77 करोड़ की परियोजना का जानबूझकर 2 बार इस्टीमेट तैयार किया गया था। ताकि PFIC से मंजूरी की आवश्यकता न रहे। PFIC के जरिए किसी भी परियोजना के जनहित के संबंध में परीक्षण किया जाता है, जोकि स्काई वॉक निर्माण में नहीं किया गया है। मामले में शिकायतकर्ता कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने दावा किया था कि यह कार्य विभाग के कुछ अधिकारियों और ठेकेदार को अनुचित लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है।
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