पिता-पुत्र की जोड़ी से रहे सावधान! अब तक 12 से अधिक राज्यों में कर चुके हैं करोड़ों की ठगी, ऐसे बनाते हैं शिकार





बड़ी कंपनियों की फ्रेंचाइजी दिलाने के नाम पर एक दर्जन से अधिक राज्यों में पांच करोड़ से ज्यादा की ठगी के आरोपित पिता-पुत्र की जानकारी लेने के लिए मिर्जापुर पुलिस दुर्ग पहुंची। आरोपितों ने मिर्जापुर के एक कारोबारी से 48 लाख रुपये की ठगी की थी। अब मिर्जापुर पुलिस जल्द ही वारंट लेकर दुर्ग आएगी और आरोपितों को लेकर जाएगी। वहीं दो आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद दुर्ग पुलिस को कुछ और भी आरोपितों की जानकारी मिली है। उनकी गिरफ्तारी के लिए जल्द ही पुलिस की टीम नवादा, बिहार जाने वाली है।

बता दें कि बीते तीन मार्च को दुर्ग पुलिस ने बिहार के नवादा जिले के ग्राम भवानी बीघा अपसर वारसलीगंज निवासी रामप्रवेश प्रसाद और उसके बेटे सूरज प्रसाद को गिरफ्तार किया गया था। आरोपित सूरज प्रसाद ने अपने छोटे भाई सुभाष और दोस्त रजनीश कुमार के साथ मिलकर देश भर के 17 राज्यों में रहने वाले लोगों को अपना शिकार बनाया था। आरोपितों के खिलाफ देश भर के विभिन्न राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, झारखंड, पंजाब और राजस्थान में कुल 24 एफआइआर दर्ज हैं।जांच में पता चला था कि आरोपितों ने नामी कंपनियों से मिलते जुलते नाम की फर्जी वेबसाइट बनाने के लिए 250 से अधिक डोमेन नाम खरीदे थे। वेबसाइट बनाने के बाद गूगल सर्च में सबसे ऊपर लाने के लिए एसईओ (सर्च इंजन आप्टिमाइजेशन) तकनीक का इस्तेमाल किया था। फर्जी वेबसाइट को कवर करने के लिए क्लाउड फ्लेयर का इस्तेमाल किया था। ताकि किसी को यह पता न चल सके कि आरोपितों ने फर्जी वेबसाइट बनाई है।

आरोपितों ने उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में रहने वाले कारोबारी तन्मय जैन से 48 लाख रुपये की ठगी की थी। आरोपितों की गिरफ्तारी के बाद मिर्जापुर पुलिस ने दुर्ग पुलिस से संपर्क किया था। मिर्जापुर पुलिस की टीम सोमवार को दुर्ग पहुंची थी और आरोपितों के बारे में जानकारी लेकर गई थी। अब न्यायालय से प्रोडक्शन वारंट लेकर आरोपितों को मिर्जापुर ले जाया जाएगा।

साइबर सेल डीएसपी प्रभात कुमार ने कहा, ठगी के आरोपित पिता पुत्र के बारे में जानकारी लेने के लिए मिर्जापुर पुलिस की टीम आई थी और जानकारी लेकर गई है। हमने कुछ और को चिति किया है। जिनकी जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। टेक्नीकल एंगल पर जांच जारी है।



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0- 12 फोन में लगे 23 नंबरों से काल करते थे और उनमें भी सिर्फ 12 नंबरों से पांच करोड़ रुपये की ठगी की थी।

0- दो साल में 6617 काल कर 1858 लोगों से संपर्क किया था।

0- 350 लोग इनके झांसे में आए और 38 लोगों द्वारा पैसे देने की जानकारी मिली है।

0- पूरे देश भर में आरोपितों के खिलाफ 24 एफआइआर दर्ज किए गए हैं।

0- 20 लोगों ने 10 लाख रुपये से ज्यादा की राशि दी थी।





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